एम.जी. पब्लिक स्कूल में बच्चों को कराया पंजाब का वर्चअल टूर

सामाजिक सभ्यता एक स्क्रीन के दायरे में सिमटा नजर आया। बच्चों ने इस भरपूर आनंद लेकर अपना भाषाई और सांस्कृतिक ज्ञानवर्धन किया।;

Update: 2025-05-25 12:47 GMT

मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल के प्रांगण में सीबीएसई भारतीय भाषा समर कैंप-2025 कार्यक्रम के अन्तर्गत रविवार को पंजाब के भाषाई, सांस्कृतिक और पारम्परिक इतिहास तथा संस्कृति एवं सभ्यता से परिचित कराने के लिए बच्चों को पंजाब का वर्चअल टूर कराया गया। इस दौरान पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और नृत्य एवं कला संस्कृति, भाषा एवं सामाजिक सभ्यता एक स्क्रीन के दायरे में सिमटा नजर आया। बच्चों ने इस भरपूर आनंद लेकर अपना भाषाई और सांस्कृतिक ज्ञानवर्धन किया।

एम.जी. पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग ने बताया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी -2020 के बहुभाषावाद व्यवस्था पर सीबीएसई द्वारा देशव्यापी अभियान के अंतर्गत संबद्ध विद्यालयों में इस साल भारतीय भाषा समर कैंप-2025 कार्यक्रम लांच किया गया है। इसी कड़ी में विद्यालय में इस विशेष समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 100 से अधिक बच्चों के द्वारा प्रतिभाग करते हुए देश के विभिन्न राज्यों का भाषाई एवं सांस्कृतिक ज्ञान अर्जित किया जा रहा है।

इसमें भाषा आधारित शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के साथ ही भाषाओं का संरक्षण करने का प्रयास भी किया जा रहा है और बहुभाषाई ाान के सहारे बच्चों का कौशल विकास करते हुए उनको भविष्य के लिए तैयार किया जाना इसका मूल उद्देश्य है। बताया कि रविवार को भारतीय भाषा समर कैंप-2025 में बच्चों को पंजाब के सांस्कृतिक शिक्षण के लिए वर्चुअल टूर कराया गया। इसमें चलचित्र के माध्यम से बच्चों ने पंजाब की धार्मिक और सामाजिक संस्कृति को समझने का काम किया तो वहीं वहां की नृत्य और कला की जानकारी अर्जित कर भरपूर मनोरंजन किया। इसमें बच्चों को पंजाब राज्य के समृद्ध इतिहास, परम्पराओं और सभ्यता की वृहद जानकारी दी गई। साथ ही राज्य की जीवंत संस्कृति और विविध भाषा के बारे में भी बताया गया। इसके सहारे बच्चों को पंजाब की सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषाई और कला विरासत को समझने में सहायता मिली। कैंप में बच्चों को अमृतसर का गोल्डन टैम्पल और जलियावाला बाग का वर्चुअल टूर कराते हुए इनके इतिहास के बारे में अवगत कराया गया। पंजाबी नृत्य कला का भी प्रशिक्षण दिया गया। इसमें भांगड़ा और गिद्दा में शामिल होकर बच्चों ने आनंद का अनुभव किया। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।

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