बोला सुप्रीमकोर्ट- खूबसूरती से गढी गई रोहिंग्याओं को समुद्र में....
शरणार्थियों को तुरंत दिल्ली वापस लाये और उनकी हिरासत से रिहा करें।;
नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने भारतीय नौसेना द्वारा 43 रोहिंग्या शरणार्थियों को अंडमान सागर में जबरन समुद्र में फेंकने के मामले को लेकर दायर की गई याचिका को खूबसूरती से गढी गई कहानी करार देते हुए इसे सबूत के अभाव में खारिज कर दिया है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में दो रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा दायर की गई एक रिट याचिका में दावा किया गया है कि 43 शरणार्थियों को इस तरह से निर्वासित किया गया था, याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार निर्वासित किए गए शरणार्थियों को तुरंत दिल्ली वापस लाये और उनकी हिरासत से रिहा करें।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि इस प्रक्रिया में बच्चों को उनकी माताओं से अलग किया गया है, जिससे परिवार बिखर गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने इस याचिका पर संदेह जताया है। जस्टिस सूर्यकांत ने याचिका को खूबसूरती से गढी गई कहानी करार देते हुए कहा है कि हर दिन आप एक नई कहानी लेकर आते हैं।
इन आरोपों को सबूत करने के लिए कोई ठोस मैटेरियल नहीं है, अदालत ने याचिका कर्ताओं से पूछा कि दिल्ली में बैठे याचिकाकर्ता को अंडमान तट से समुद्र में फेंके जाने की जानकारी कैसे मिली?