हाल ही में हुए 5 हजार स्कूल बंद- शिक्षको को नये सिरे से तैनाती

बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार को भेजा प्रस्ताव- लक्ष्य के लिये...

Update: 2025-07-22 14:35 GMT

लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों से सम्बद्ध आंगनबाड़ियों में संचालित बाल बाटिका को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व-प्राथमिक शिक्षा अभियान की ऐतिहासिक शुरुआत करने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार ने वर्ष 2026 तक अपने सभी 1,11,621 प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में बालवाटिका-3 (यूकेजी) कक्षाएं संचालित करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एज्युकेटर व शिक्षामित्रों की तैनाती की जाएगी। इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

वर्तमान में छात्र संख्या के आधार पर सरकार की तरफ से 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का नजदीक के स्कूल में मर्ज कर शिक्षकों की नए सिरे से तैनाती दी जा रही है। जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार होने के साथ ही शिक्षकों की तैनाती की जा सके। अभी हाल ही पूरे प्रदेश में 5000 स्कूल बंद हुए हैं। जबकि 2018-19 में 27 हजार स्कूलों का विलय किया गया है।

इस क्रम में इन विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों के भविष्य को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने इन्हें बाल वाटिका में तैनात करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में कुल 1.35 लाख स्कूल हैं। हर स्कूल में दो दो शिक्षामित्र तैनात हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने ईसीसीई (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन ) एज्युकेटर की एक नई और समर्पित श्रेणी का गठन किया है। इन प्रशिक्षित एज्युकेटर की नियुक्ति चरणबद्ध तरीके से संविदा के माध्यम से की जा रही है।

प्रारंभिक चरण में वे विद्यालय जिनमें आंगनबाड़ी केंद्र सह-स्थित हैं, वहां नियुक्त किए जा रहे हैं। जहाँ यह सुविधा नहीं है, वहाँ प्रशिक्षित नोडल शिक्षक अथवा शिक्षामित्र अस्थायी रूप से बालवाटिका-3/यूकेजी का संचालन करेंगे। इन सभी बालवाटिका 3/ यूकेजी में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा व्यापक सहयोग प्रदान किया जाएगा। सभी एज्युकेटर एवं नोडल शिक्षक का प्रशिक्षण, शैक्षिक सामग्री के अंतर्गत कार्यपुस्तिकाएँ एवं गतिविधि आधारित किट (वन्डरबॉक्स) के साथ-साथ लर्निंग कॉर्नर एवं स्टेशनरी मटेरियल हेतु सहयोग प्रदान जाएगा। इसके अतिरिक्त, अवस्थापना सुविधाओं हेतु बाल मैत्रिक फर्निचर, आउट्डोर प्ले मटेरियल, बाला फीचर्स एवं सामुदायिक सहभागिता से जुड़े कार्यक्रमों हेतु भी सहयोग प्रदान किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमोदन के उपरांत इसे लागू किया जाएगा।

गौरतलब है कि पंजाब में लगभग 13,000 और असम में 25,000 से अधिक स्कूलों में ईसीसीई की व्यवस्था है, वहीं उत्तर प्रदेश सभी 1.1 लाख स्कूलों में बालवाटिका-3/यूकेजी शुरू करने जा रहा है-जो दुनिया में अपने आप में सबसे बड़ा ईसीसीई अभियान होगा। अन्य राज्य जैसे मध्यप्रदेश या कर्नाटक ईसीसीई को अभी सीमित या प्रायोगिक स्तर पर लागू कर रहे हैं।

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