वर्ल्ड फूड इंडिया का इस दिन PM मोदी करेंगे उद्घाटन

केंद्र शासित प्रदेश, 10 केंद्रीय मंत्रालय और पांच संबद्ध सरकारी संगठन भाग लेंगे।

Update: 2025-09-23 14:11 GMT

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का उद्धाटन करेंगे।

वर्ल्ड फूड इंडिया के इस चौथे संस्करण का आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 25 से 28 सितंबर तक किया जा रहा है। इसमें 21 से अधिक देश, 21 भारतीय राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, 10 केंद्रीय मंत्रालय और पांच संबद्ध सरकारी संगठन भाग लेंगे। 

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री 25 सितंबर को शाम छह बजे इसका उद्धाटन करेंगे। उद्घाटन सत्र में रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पात्रुशेव, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी उपस्थित रहेंगे।

उन्होंने कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया केवल एक व्यापार मेला नहीं है, बल्कि देश को खाद्य नवाचार, निवेश और स्थिरता के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक परिवर्तनकारी मंच है। यह आयोजन दीर्घकालिक, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार खाद्य प्रणालियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और विश्व के खाद्य भंडार के रूप में देश की स्थिति को मजबूत करता है।

इस संस्करण के लिए न्यूजीलैंड और सऊदी अरब साझेदार देश होंगे जबकि जापान, रूस, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम फोकस राष्ट्र के रूप में शामिल होंगे। इसमें 1,700 से अधिक प्रदर्शक, 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदार और 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। चार दिवसीय आयोजन में 45 से अधिक नॉलेज सेशन होंगे जिनमें विषयगत चर्चाएं होगी और राज्य तथा देश पर आधारित विशिष्ट सम्मेलन होंगे। वैश्विक कृषि-खाद्य क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी सीएक्सओ गोलमेज बैठकें शामिल होंगे।

इस दौरान समानांतर रूप से तीसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जायेगी जिसका उद्देश्य वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों के सामंजस्य को बढ़ावा देना है। साथ ही 24वें इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो (एसईएआई) का भी आयोजन होगा।

श्री पासवान ने "खाद्य प्रसंस्करण की विभिन्न अवधारणाओं पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न" शीर्षक से एक प्रकाशन का भी विमोचन किया। उद्योग के हितधारकों के साथ परामर्श से तैयार की गयी इस पहल का उद्देश्य प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और उपभोक्ताओं के बीच सूचित विकल्पों को प्रोत्साहित करने के लिए विज्ञान-आधारित जानकारी प्रदान करना है।

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