राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन: बड़ी संख्या में हुआ वादों का निस्तारण

जनपद न्यायालय मुजपफरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

Update: 2025-09-13 16:34 GMT

मुजफ्फरनगर। जनपद न्यायालय मुजपफरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ प्रभारी जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजपफरनगर रविकान्त-III द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यह कहा गया कि लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है।

प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा सभागार मे उपस्थित बैंक अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे ऋण के मामलों में ग्राहकों को अधिकतम छूट देते हुए प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय  खलीकुज्जमा ने पारिवारिक मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किये जाने पर बल दिया। आज लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालयों के द्वारा 237 मामलों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया।

लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज  कनिष्क कुमार द्वारा अपने सम्बोधन में यह कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोक अदालत विवादों को सुलह-समझौते के माध्यम से निस्तारित कराने का एक बहुत बड़ा माध्यम है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है। लोक अदालत समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के लिये वरदान साबित हो रही है।


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर के सचिव सीताराम द्वारा यह बताया गया है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख अड़तीस हज़ार पाँच सौ नवासी (3,38,589) प्रकरण निस्तारित किये गये।

पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण आदेश नैन के द्वारा कुल 142 वादों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया व 12.35,08.600/- रूपये प्रतिकर प्रदान किया गया।

जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर, के विभिन्न न्यायालयों के द्वारा कुल 6606 शमनीय फौजदारी एवं 60 दीवानी वादों का निस्तारण करते हुए शमनीय फौजदारी वादों मे 17,67,000/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया तथा दीवानी वादों में 17,128,342.19 रूपये का उत्तराधिकार आदि का अनुतोष प्रदान किया गया।

जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर उमेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा कुल 7991 राजस्व मामलों का निस्तारण कर 15,320,000/- रूपये का राजस्व वसूल किया गया।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के द्वारा 696 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 89,427,000 की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।

इस अवसर पर जिला बार संघ के अध्यक्ष ठाकुर कंवरपाल सिंह, महासचिव चंद्रवीर सिंह निर्वाल, सिविल बार संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार मित्तल, महासचिव राज सिंह रावत, अपर जिला जज आशा रानी सिंह, सीताराम, कनिष्क कुमार सिंह, काशिफ शेख, दिनेश प्रताप सिंह, रीमा मल्होत्रा, दिव्या भार्गव, मंजुला भलोटिया, निशान्त सिंगला, कमलापति प्रजापति, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कविता अग्रवाल, भारतीय स्टेट बैंक के डी०जी०एम० राजकुमार सिंह, ए०जी०एम० सुधीर कुमार व लीड बैंक डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुरेन्द्र सिंह, सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, समस्त बैंको के अधिकारी एवं बडी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।

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