सेना की पारंपरिक धुन के बीच गंगोत्री धाम के कपाट बंद-फूलों से सजा परिसर

इस मौके पर मंदिर को फूलों, झालर एवं दीपों से सजाया गया था।

Update: 2025-10-22 06:40 GMT

उत्तरकाशी। चार धाम यात्रा के प्रमुख तीर्थ स्थल गंगोत्री धाम के कपाट आज विधि विधान के साथ हुई पूजा अर्चना के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर मंदिर को फूलों, झालर एवं दीपों से सजाया गया था।


बुधवार को उत्तरकाशी स्थित चार धाम यात्रा के प्रमुख तीर्थ स्थल गंगोत्री धाम के कपाट मां गंगा के जयकारों के बीच हुई अंतिम पूजा अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।

प्रातः कालीन बेला में मंत्रोच्चार के बीच इस साल की आखिरी पूजा अर्चना की गई। मंदिर के कपाट बंद होने के मौके पर पूरे परिसर को फूलों एवं झालरों तथा दीपों से भव्य रूप से सजाया गया था। कपाट बंद होने से पहले मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों की देखरेख में मां गंगा की भोग मूर्ति एवं उत्सव डोली का शास्त्रोक्त विधि से पूजन अर्चन किया गया।


इसके बाद इंडियन आर्मी के बैण्ड की अगवाई में मां गंगा की डोली मुखीमठ के मुखवा गांव के लिए रवाना की गई। डोली के प्रस्थान के दौरान श्रद्धालु हर-हर गंगे के जय घोष के साथ गंगा मैया को भाव विभोर होकर गंगोत्री धाम से विदा कर रहे थे।

बुधवार की रात मां गंगा की डोली देवी मंदिर में विश्राम करेगी और बृहस्पतिवार को भैया दूज के पावन पर्व पर मुखवा गांव में पहुंचेगी।

प्राचीन परंपरा के मुताबिक शीतकालीन गद्दी स्थल मुखवा मंदिर में अगले 6 महीने तक मां गंगा की पूजा अर्चना और उनके दर्शन होंगे।Full View

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