भाजपा संसद की कार्यवाही चलाने के प्रति गंभीर नहीं- सैलजा
समझती है और असहमति की हर आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।;
चंडीगढ़, कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा ने बुधवार को कहा कि संसद के मानसूत्र सत्र को देखकर साफ प्रतीत होता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार संसद को चलाने के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
विपक्ष जनहित के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा चाहता है, ऐसे में सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह संसद में इन विषयों पर ईमानदारीपूर्वक संवाद सुनिश्चित करे।
यहां मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि विपक्ष हमेशा से ज्वलंत जनहित के मुद्दों पर चर्चा चाहता
रहा है, चाहे वह महंगाई हो, बेरोजगारी, किसानों की समस्यायें हों या महिला सुरक्षा जैसे गंभीर प्रश्न हो। यह सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह संसद में इन विषयों पर ईमानदारी पूर्वक संवाद सुनिश्चित करे, लेकिन दुर्भाग्यवश, भाजपा की केन्द्र सरकार लगातार अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रही है और लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर करने का काम कर रही है।
कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार संसद को सिर्फ एक औपचारिकता समझती है और असहमति की हर आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
सांसद सैलजा कहा कि कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष जनता की आवाज को संसद में उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, और वह सरकार के इस गैर-जवाबदेह रवैये के खिलाफ संघर्ष करता रहेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद ही सबसे बड़ा साधन होता है, और जब सत्ता पक्ष संवाद से भागेगा, तो जनाक्रोश और असंतोष और अधिक बढ़ेगा। यह देश के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।