SDM की डांट से आहत 70 साल के बुजुर्ग टावर पर चढ़े- फूली प्रशासन की..
15 घंटे से भी ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी नीचे नहीं उतर रहे बुजुर्ग को ऊपर चढ़ा देखकर अब अधिकारियों की सांस फूलने लगी है।
कुशीनगर। जमीन की पैमाइश के मामले को लेकर मिलने के लिए पहुंचे 70 साल के बुजुर्ग को जब एसडीएम ने डांट फटकार कर दफ्तर से भगा दिया तो आहत हुए बुजुर्ग 110 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ गए। 15 घंटे से भी ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी नीचे नहीं उतर रहे बुजुर्ग को ऊपर चढ़ा देखकर अब अधिकारियों की सांस फूलने लगी है।
रविवार को मिल रहे घटनाक्रम के मुताबिक जिला मुख्यालय से तकरीबन 55 किलोमीटर दूर स्थित तमकुही राज तहसील के बलुआ तकियां गांव के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग हरेंद्र राय चार दिन पहले जमीन की पैमाइश कराने के मामले को लेकर तमकुही राज एसडीएम आकांक्षा मिश्रा के दफ्तर में गए थे।
बताया जा रहा है कि एसडीएम ने मामले को कानूनगो के पास ट्रांसफर कर दिया था, जब हरेंद्र राय कानूनगो के पास पहुंचे तो उन्होंने उनके शिकायती पत्र को जमीन पर फेंकते हुए कहा कि तुम्हारा काम तो हरगिज नहीं करूंगा, जहां चाहे वहां जाकर मेरी शिकायत कर दो।
आरोप है कि शुक्रवार को सवेरे तकरीबन 11:00 बजे जब हरेंद्र राय एक बार फिर से एसडीएम के दफ्तर पहुंचे और वहां पर कानूनगो के व्यवहार की शिकायत की तो एसडीएम कानूनगो से पूछताछ करने के बाद उल्टे बुजुर्ग हरेंद्र पर ही बरस पड़ी। उन्होंने कहा कि हर दिन एक ही शिकायत लेकर चले आते हो चले जाओ यहां से।
बताया जा रहा है कि एसडीएम के इस व्यवहार से आहत हुए हरेंद्र राय ने घर से तकरीबन 300 मीटर दूर स्थित मोबाइल टावर पर पहुंचकर वहां उसके ऊपर चढ़ने का इरादा बना लिया। रात के अंधेरे में टावर पर चढ़े हरेंद्र राय का किसी को पता नहीं चला।
शनिवार की सवेरे जब राहगीरों ने हरेंद्र को टावर पर बैठे हुए देखा तो गांव के साथ इलाके में हड़बड़ी मच गई। परिवार के लोग भी मौके पर पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। तहसीलदार सुनील कुमार, नायब तहसीलदार कुंदन वर्मा और SHO विनय मिश्रा पुलिस बल को साथ लेकर मौके पर पहुंचे, फायर विभाग की गाड़ी भी मौके पर बुलाई गई।
तुरंत टावर की बिजली कटवा कर प्रशासन द्वारा हरेंद्र को नीचे उतरने को कहा गया, मगर वह टस से मस नहीं हुए। फायर टेंडर ने जैसे ही क्रेन के माध्यम से हरेंद्र को उतारने की कोशिश की तो वह नीचे कूदने की धमकी देने लगे।
बुजुर्ग को टावर पर चढ़े 15 घंटे से भी अधिक का समय व्यतीत हो चुका है, हरेंद्र का कहना है कि जब तक मेरा मामला नहीं सुलटेगा मैं नीचे हरगिज नहीं उतरूंगा। उधर तहसीलदार ने बताया है कि बुजुर्ग की जमीन की पैमाइश कराई जा रही है। बड़ी मुश्किलों के बाद बुजुर्ग जब टावर से नीचे उतरने को तैयार हुए तो अधिकारियों की जान में जान वापस आई।