कांग्रेस विधि विभाग का राष्ट्रीय सम्मेलन कल,हज़ारो प्रतिनिधि होंगे शामिल

Update: 2025-08-01 14:40 GMT

नयी दिल्ली, कांग्रेस पार्टी का शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में विधि विभाग का राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है जिसमें देश के कोने-कोने से आने वाले पार्टी के दो हजार से ज्यादा विधि विशेषज्ञ शामिल होंगे।

कांग्रेस के विधि विभाग के प्रमुख तथा पार्टी के राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को यहां पार्टी के नये मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का एक दिन का यह सम्मेलन यहां विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा जिसमें देशभर के 2000 से ज्यादा विधि विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे और अपने विचार व्यक्त करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधि विशेषज्ञ शामिल होंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन श्री खरगे करेंगे और इस दौरान श्री गांधी भी मौजूद रहेंगे। श्रीमती वाड्रा कार्यक्र्म के समापन समारोह में हिस्सा लेंगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सम्मेलन का विषय “संवैधानिक चुनौतियाँ - परिप्रेक्ष्य और मार्ग” है।

श्री सिंघवी ने कहा कि यह आयोजन हमारे गणतंत्र की यात्रा के एक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है जो देश के लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों के प्रति नए सिरे से प्रतिबद्धता की माँग करता है। उनका कहना था कि यह सम्मेलन कानूनी पेशेवरों, लोक विचारकों और नागरिकों के रूप में एक साथ आने का अवसर है ताकि हम संवैधानिक व्यवस्था में अपने सामूहिक विश्वास की पुष्टि कर विधि के शासन को बनाए रख सकें और अपनी संस्थाओं की अखंडता को मजबूत कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का मकसद संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित कर उन्हें बढावा देना है।

श्री सिंघवी ने कहा, “मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि सिक्किम, अंडमान और लक्षद्वीप के सहयोगियों तथा अपने राज्य में अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम कर रहे लोगों को छोड़कर देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह केवल कानूनी पेशेवरों का जमावड़ा नहीं है बल्कि यह सम्मेलन राष्ट्रीय महत्व का एक विचार-विमर्श मंच है, जिसका मकसद संवैधानिक चुनौतियों पर गंभीर संवाद और चिंतन कर संवैधानिक नैतिक, लोकतांत्रिक जवाबदेही और सामाजिक न्याय पर आधारित सामूहिक से आगे बढ़ना है।”

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