बोला सुप्रीम कोर्ट- रुद्राक्ष या क्रॉस पहनने की तुलना हिजाब से नहीं

स्कूल कालेजों में छात्रों के रुद्राक्ष अथवा क्रॉस पहनने की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती है।

Update: 2022-09-07 14:12 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि स्कूल कालेजों में छात्रों के रुद्राक्ष अथवा क्रॉस पहनने की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती है। क्योंकि रुद्राक्ष अथवा क्रॉस कपड़े के अंदर पहने जाते हैं। इसलिए इनकी तुलना हिजाब से करना कही से भी जायज नहीं है।

बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कर्नाटक में मुस्लिम लडकियों के हिजाब के मामले को लेकर हुई दूसरे दिन की सुनवाई के दौरान अदालत ने हिजाब के समर्थक वकील की ओर से दी गई दलील पर यह अपनी टिप्पणी की थी। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कर्नाटक में रुद्राक्ष अथवा क्रॉस पहन रहे छात्रों की कहीं कोई जांच नहीं हो रही है। सिर्फ हिजाब पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों को रोका जा रहा है।

तकरीबन 2 घंटे तक अदालत में चली सुनवाई के दौरान वकील देवदत्त कामत ने तकरीबन 1 घंटे तक अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, फ्रांस, इंग्लैंड आदि जैसे देशों के कई मामलों का उदाहरण अदालत के सामने रखा। जब उन्होंने भारतीय संविधान को लेकर अपनी बात का सिलसिला शुरू किया तो उच्चतम न्यायालय के दो जजों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि आखिर आप वापस भारत आ ही गए।

वरिष्ठ वकील ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार और धर्म के पालन की स्वतंत्रता के अधिकार को लेकर अपनी दी और उन्होंने धर्म निरपेक्षता का भी इस दौरान हवाला दिया।

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