गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजते रहे जंगल - 74 हुए लंगड़े एक हुआ ढेर
मुजफ्फरनगर के एसएसपी संजय कुमार वर्मा के कार्यकाल में बदमाशों पर आई शामत;
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के एसएसपी संजय कुमार वर्मा के चार्ज संभालने के बाद से मुजफ्फरनगर पुलिस और बदमाशों के बीच आमना सामना होता रहा। गोलियों की तड़तड़ाहट से मुजफ्फरनगर के जंगल गूंजते रहे। नतीजा आया कि एसएसपी संजय कुमार वर्मा के 80 दिन के कार्यकाल में 74 बदमाशों को घायल अवस्था में वाया अस्पताल जेल जाना पड़ा जबकि घायलों सहित कुल 98 बदमाशों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। इन मुठभेड़ में एक बदमाश शाहरुख पठान को भी दुनिया को अलविदा कहना पड़ा।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक सिंह का प्रमोशन होने के बाद योगी सरकार ने सहारनपुर का डीआईजी बना दिया था। उनकी जगह शासन ने इटावा के तत्कालीन एसएसपी संजय कुमार वर्मा को मुजफ्फरनगर के पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी सौंप दी थी। 7 मई 2025 को मुजफ्फरनगर के एसएसपी का कार्यभार संभालने के बाद से एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने स्पष्ट संदेश दे दिया था कि मुजफ्फरनगर में बदमाशों की शामत आने वाली है।
उन्होंने जहां एक तरफ मॉडिफाई साइलेंसरों के खिलाफ अभियान चलाया वहीं उन्होंने पुलिस थानों का भी निरीक्षण करना शुरू कर दिया। कांवड यात्रा सकुशल संपन्न होना भी मुजफ्फरनगर पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि इस कार्यकाल की है। अगर बदमाशों के खिलाफ अभियान की बात की जाए तो एसएसपी संजय कुमार वर्मा के 80 दिन के कार्यकाल में बदमाशों पर शामत आती रही।
इस दौरान मुजफ्फरनगर पुलिस और बदमाशों के बीच 58 मुठभेड़ हुई जिसमें 74 बदमाशों को घायल अवस्था में अस्पताल के माध्यम से जेल भेजा गया जबकि घायल सहित कुल 98 बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है। पुलिस मुठभेड़ में गोकशी, चोरी, लूट जैसे अपराधों को अंजाम देने वाले बदमाशों को मुजफ्फरनगर पुलिस ऑपरेशन लंगड़ा के चलते बड़े घर को भेजती रही। इस मुठभेड़ में मुजफ्फरनगर पुलिस और एसटीएफ ने एक साथ मिलकर छपार थाना इलाके में 50 हजार रूपये के इनामी बदमाश शाहरुख पठान को भी ढेर कर दिया था।