देवदूत बनी महिला ने रेलवे ट्रैक पर खेलते बच्चों की ऐसे बचाई जान - फिर.
कुशीनगर के रेलवे ट्रैक पर खेल रहे तीन बच्चों की अचानक से देवदूत बनकर पहुंची महिला नगीना देवी ने अपनी जान पर खेल कर जान बचा ली
कुशीनगर। रेलवे ट्रैक पर खेल रहे तीन बच्चों की अचानक से देवदूत बनकर पहुंची पचपन वर्षीय महिला ने अपनी जान पर खेल कर जान बचा ली, हालांकि दो बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित रहे जबकि एक बच्ची ट्रेन की चपेट में आकर घायल हों गई। ट्रेन के ड्राइवर ने हॉर्न बजाया था लेकिन ट्रैक पर खेल रहे बच्चे उसे सुन नहीं पाए थे।
कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र के गांव परोरहां खास में रहने वाले उमेश का 3 वर्षीय बेटा आर्यन, देवेंद्र यादव का 4 वर्षीय पुत्र दीपांशु और 3 वर्षीय बेटी गांव के बीच से होकर गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर खेल रहे थे।
सवेरे तकरीबन 9:20 पर कप्तानगंज से चलकर पडरौना होते हुए बिहार जाने वाली रेलगाड़ी ट्रैक पर आ गई। बच्चों को ट्रैक पर खेलते देख लोको पायलट ने तुरंत हॉर्न बजाकर बच्चों को ट्रैक से हटने का संकेत दिया। लेकिन खेल में व्यस्त बच्चे ट्रेन के हॉर्न की आवाज को नहीं सुन पाए।
इसी दौरान रेलवे ट्रैक के बगल में मौजूद 55 वर्षीय महिला नगीना देवी की नजर रेल पटरी पर खेलते बच्चों पर पड़ गई। महिला ने तुरंत दौड़ लगाते हुए मौके पर पहुंचकर दो बच्चों को ट्रैक से खींचकर सुरक्षित बचा लिया, लेकिन इस कोशिश में सृष्टि ट्रैक के दूसरी ओर चली गई और तेज रफ्तार रेलगाड़ी की चपेट में आकर तकरीबन 10 फीट दूर जाकर गिरी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।हादसे के बाद मौके पर पहुंचे परिजन और ग्रामीण तुरंत बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां उसका ट्रीटमेंट चल रहा है।