सुप्रीम कोर्ट ने दिया तीन तलाक पर केंद्र सरकार को नोटिस

Update: 2019-08-23 07:56 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने तीन तलाक को अपराध करार दिये जाने संबंधित कानूनक संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।

न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जमीयत उलमा-ऐ-हिन्द, समस्त केरल जमीयत-उल उलमा व आमिर रश्दी मदनी की याचिकाओं पर केन्द्र से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं ने मुस्लिम महिला ( विवाह अधिकार संरक्षण ) कानून 2019 के प्रावधानों को चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जिसके तहत तीन तलाक को अपराध घोषित किया गया है तथा इसके लिए सजा के प्रावधान किये गये हैं।

याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने दलील दी कि शीर्ष अदालत ने तीन तताक को पहले ही असंवैधानिक करार दिया गया है और उसके बाद इसे अपराध घोषित किये जाने का कोई औचित्य नहीं बनता। न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके उससे जवाब-तलब किया है।

ज्ञात हो कि अदालत ने 2017 में ही तीन तताक को असंवैधानिक करार दिया था, जबकि संसद ने पिछले माह इस संबंध में कानून बनाया है। इसके तहत तीन तलाक को अपराध घोषित किया गया है और इसके लिए सजा के प्रावधान किये गये हैं।

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