चुनाव बाद हिंसा भड़की - 700 से ज्यादा लोगों की मौत का दावा
विपक्ष ने चुनाव में धांधली का लगाया आरोप, देशभर में झड़पें और इंटरनेट ब्लैकआउट
नई दिल्ली। अफ्रीकी देश तंजानिया में चुनाव परिणामों के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। हिंसा की घटनाओं में अब तक लगभग 700 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है, जबकि सैकड़ों घायल बताए जा रहे हैं। विपक्षी दल चाडेमा (CHADEMA) ने सत्ताधारी पार्टी पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है, जिससे पूरे देश में तनाव फैल गया है।
तंजानिया में हाल ही में संपन्न हुए आम चुनाव के परिणाम आने के बाद से देश हिंसा की आग में झुलस रहा है। विपक्षी दल चाडेमा ने आरोप लगाया है कि चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली और मतगणना में हेराफेरी की गई है। इसी के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़पें शुरू हो गईं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हिंसा में अब तक लगभग 700 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है, जबकि कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए इंटरनेट सेवाओं को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तंजानिया सरकार से संयम बरतने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने की अपील की है । सत्ताधारी दल का कहना है कि चुनाव “पूर्णतः पारदर्शी” रहे हैं और विपक्ष हिंसा भड़काकर देश की स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं, विपक्ष का दावा है कि सरकार ने नतीजों में हेरफेर कर सत्ता पर फिर से कब्जा कर लिया है।
कई शहरों—जैसे दार एस सलाम, अरूषा और मवान्ज़ा—में हालात सबसे ज्यादा तनावपूर्ण बताए जा रहे हैं। पुलिस ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की हैं और सेना को भी सड़कों पर उतारा गया है।संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ (AU) और यूरोपीय संघ (EU) ने तंजानिया के हालात पर गहरी चिंता जताई है। यूएन ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है और नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।