उच्च न्यायालय ने मतदाता सूची के मामले में चुनाव आयुक्त से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश जी0 नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई।;
नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर बाहरी मतदाता सूची तैयार करने के तरीके को लेकर मंगलवार को प्रदेश चुनाव आयुक्त से दो दिन में शपथ पत्र पेश करने को कहा है।
बुदलाकोट निवासी आकाश बोरा की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जी0 नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बुदलाकोट में 52 बाहरी लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किये गये हैं। इनमें से अधिकांश लोग राज्य से बाहर के हैं।
इसके जवाब में प्रदेश चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि पांच सदस्यीय जांच कमेटी की ओर से इस प्रकरण की जांच की गयी है। 30 मतदाताओं के नाम वैध पाये गये हैं जबकि 22 अवैध पाये गये हैं। उन्होंने हटा दिया गया है।
चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूची तैयार की गयी है। अदालत ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची तैयार करने को लेकर कई बार सवाल किया।
आयोग की ओर से कहा गया कि बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) की ओर से घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाई जाती है। अंत में मतदाता सूची तैयार कर उस पर आपत्ति मांगी जाती है। अंत में अंतिम सूची तैयार कर ली जाती है।
अदालत इससे संतुष्ट नजर नहीं आयी और उसने प्रदेश चुनाव आयुक्त से इस प्रकरण में दो दिन में जवाब देने को कहा। इस मामले में दो दिन बाद गुरूवार को सुनवाई होगी।