हाईकोर्ट ने भर्ती की CBI जांच के आदेश पर पुनर्विचार याचिका की खारिज

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के आदेश पर पुनर्विचार की अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी है।

Update: 2023-10-03 16:15 GMT

लखनऊ। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा (विस)एवं विधान परिषद (विप) सचिवालय में हुई विभिन्न पदों पर स्टाफ की भर्ती की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के आदेश पर पुनर्विचार की अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी है।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के प्रमुख सचिव और दो अन्य लोगों ने पुनर्विचार की अर्जी दाखिल कर अदालत द्वारा दिए गए सीबीआई जाँच के आदेश पर दोबारा गौर करने का आग्रह उच्च न्यायालय से किया था। अदालत ने यह अर्जी खारिज कर सीबीआई जॉच का रास्ता साफ कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद दिया है । पुनर्विलोकन अर्जी पर विधान परिषद की ओर से कहा गया कि मामले में अभी कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे में किसी आपराधिक आशय का खुलासा नहीं हुआ। इस तरह सीबीआई जाँच का आदेश दोबारा गौर करने योग्य है। उधर, अपीलकर्ता के अधिवक्ता शोभित मोहन शुक्ल का कहना था कि अदालत ने अभी मामले का स्वयं संज्ञान लेकर पीआईएल दर्ज कराई है। साथ ही सीबीआई को मामले की शुरूआती जाँच करके रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। ऐसे में यह पुनर्वालोकन अर्जी खारिज करने योग्य है। जबकि सीबीआई के अधिवक्ता ने जाँच के लिए पर्याप्त मैन पावर उप्लब्ध कराने का आग्रह किया। अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश दिया कि पुनर्विलोकन अर्जी खारिज की जाती है। कारण सहित आदेश बाद में सुनाया जाएगा।

पहले, अदालत ने इस पुनर्विलोकन अर्जी को मामले में विचाराधीन विशेष अपील और स्वयं संज्ञान लेकर दर्ज कराई गई जनहित याचिका के साथ 03 अक्तूबर को सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। विगत 27 सितंबर को सुनवाई के समय सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया था कि सीबीआई ने भी इस मामले का स्वयं संज्ञान लेकर दर्ज कराई गई जनहित याचिका में कुछ निर्देश जारी करने के आग्रह वाली अर्जी दाखिल की है।

पहले, अदालत ने भर्ती मामले में सीबीआई को शुरूआती जाँच कर छह हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। साथ ही सुनवाई के दौरान भर्ती में धांधली मामले का अदालत ने स्वयं संज्ञान लेकर जनहित याचिका(पीआईएल) के रूप में मामला दर्ज करने का आदेश भी दिया था और मामले में पेश मूल रिकार्ड को सील करवा दिया था।

वार्ता

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