HC ने खरिज की मेनका की याचिका- सांसद को दी थी निर्वाचन की चुनौती

मेनका गांधी की याचिका को समय सीमा के उल्लघंन और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 81 और 86 के आधार पर खारिज किया गया

Update: 2024-08-14 15:07 GMT

लखनऊ।  इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी की उस चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होने सुल्तानपुर के मौजूदा सांसद रामभुआल निषाद के निर्वाचन को चुनौती दी थी।

मेनका गांधी की याचिका को समय सीमा के उल्लघंन और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 81 और 86 के आधार पर खारिज किया गया है।

चुनाव याचिका मुख्य रूप से रामभुआल निषाद को इंगित करते हुए दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि निर्वाचित समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार पर 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत के दौरान फॉर्म -26 दाखिल करते समय, प्रतिवादी ने केवल आठ का खुलासा किया था।

चुनाव याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि आपराधिक पृष्ठभूमि का गैर-प्रकटीकरण/जानबूझकर चूक करना भ्रष्ट आचरण का एक कार्य है और इस प्रकार यह पूरी तरह से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 100 के तहत आता है। चुनाव याचिका में यह प्रार्थना की गई है कि इस आधार पर ही सुलतानपुर लोकसभा सीट का चुनाव शून्य घोषित किया जा सकता है।

वार्ता

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