17 दिन के लिए गंग नहर बंद- मचेगी रेत की लूट- खनन की तैयारियां शुरू

साफ सफाई एवं मेंटेनेंस के लिए 2 अक्टूबर को बंद कर दिया गया है।

Update: 2025-10-03 10:28 GMT

मुजफ्फरनगर। वार्षिक साफ सफाई एवं मेंटेनेंस के लिए बंद की गई गंग नहर से अब रेत निकालने की लूट मचेगी, पानी कम होते ही गंग नहर से खनन कर रेत निकालने को माफिया अभी से सक्रिय हो गए हैं।

विजयदशमी के मौके पर उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार से कानपुर तक बहकर जाने वाली गंग नहर को वार्षिक साफ सफाई एवं मेंटेनेंस के लिए 2 अक्टूबर को बंद कर दिया गया है।

17 दिन के लिए बंद की गई इस गग नहर में अब दीपावली के मौके पर 19 अक्टूबर की रात को पानी छोड़ा जाएगा। नहर बंदी के दौरान नहर की साफ सफाई, मरम्मत और जरूरी रखरखाव के काम किए जाएंगे।


जनपद मुजफ्फरनगर से होकर बहने वाली यह गंग नहर उत्तराखंड के भीमगोडा बैराज से निकलने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के लाखों लोगों के लिए सिंचाई एवं पेयजल का एक प्रमुख स्रोत है।

17 दिन के लिए की गई नहरबंदी के चलते अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में अगले कुछ दिनों तक पेयजल आपूर्ति और कृषि सिंचाई के संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

गंग नहर के बंद होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली और हापुड़ आदि जनपदों में नहर आधारित सिंचाई का काम प्रभावित हो सकता है।

गंग नहर बंदी के साथ इसमें से खनन कर रेत निकालने वाले लोग अभी से सक्रिय हो गए हैं। जनपद मुजफ्फरनगर के विभिन्न स्थानों पर रेत माफियाओं द्वारा गंग नहर से खनन कर रेत निकालकर रास्तों के किनारे इकट्ठा किया जाता है, जिससे रास्ते संकरें हो जाते हैं और कई मर्तबा रेत वहीं पर छोड़ने से रास्तों पर सिल्ट जमा होने से बिन बरसात भी फिसलन के हालात बन जाते हैं।

रेत खनन के मामले को लेकर कई मर्तबा माफियाओं के बीच मारपीट और संघर्ष की वारदात भी हो चुकी है।Full View

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