राम भक्तों को योगी की नयी सौगात

योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब से सत्ता संभाली है, तभी से वे प्रदेश में राम राज्य स्थापित करने की बात कह रहे हैं।

Update: 2021-03-02 00:45 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब से सत्ता संभाली है, तभी से वे प्रदेश में राम राज्य स्थापित करने की बात कह रहे हैं। मसलन अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम जिस भव्यता के साथ प्रारम्भ किया गया, उसने उसी युग की याद दिला दी जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम उस दौरे के सबसे अहंकारी और अत्याचारी रावण का वध करके अयोध्या वापस आये और नगरवासियों ने खुशी में दीपदान किया था।

अब योगी आदित्यनाथ की सरकार अयोध्या की वैश्विक छवि बनाना चाहती है और इसी संदर्भ में भगवान राम के भक्तों के लिए योगी सरकार ने एक नई सौगात दी है। सीएम योगी ने दावा किया है कि अयोध्या एयरपोर्ट से यात्री उड़ान सेवा बहुत जल्द शुरू होने वाली है। इसका मतलब ये होगा कि दूर से अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का काफी वक्त बच जाएगा। इसके अलावा देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या आसानी से पहुंच सकेंगे। अयोध्या एयरपोर्ट पर यात्री उड़ान के लिए योगी सरकार ने 250 करोड़ का फंड जारी कर दिया है। इस फंड से एटीआर 72 जैसे विमानों का संचालन किया जाएगा।

हाल ही में केंद्र सरकार ने अयोध्या एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए मंजूरी दे दी है जिसके बाद एयरपोर्ट शुरू करने के काम में और तेजी आ गई है। योगी सरकार के इस फैसले से वैसे तो सभी को बहुत फायदा होगा लेकिन विदेशों में बसे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हो जाएगी। काफी कम वक्त में वो अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन कर घर लौट सकेंगे। योगी सरकार ने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए करीब एक हजार करोड़ की धनराशि दी है जिससे एयरपोर्ट के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। अब तक 377 एकड़ से ज्यादा भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। एयरपोर्ट के लिए जरूरी जमीन के बाकी अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। किसानों से बातचीत के जरिए जिला प्रशासन पूरी तरह से संतुष्ट किसानों को मुआवजा दे रहा है।

ध्यान रहे उत्तर प्रदेश में आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश हो गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का लंबा-चैड़ा बजट पेश किया, जो कि यूपी के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है। यह बजट अयोध्यामय भी रहा। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने रामनगरी के लिए जमकर झोली खोली है।

इस बार बजट में योगी सरकार ने युवा, किसान, महिला, विकास जैसे मुद्दों के साथ ही धार्मिक एजेंडे पर भी फोकस रखा। रामनगरी अयोध्या के विकास के लिए 140 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित हुआ है। अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गई।

बजट में इसके साथ ही अयोध्या एयरपोर्ट का नाम भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम पर किए जाने की घोषणा की गई थी जिसके बाद सदन में जय श्रीराम के नारे लगे। अयोध्या एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ की राशि तय की गई। श्री राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या धाम तक पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये बजट व्यवस्था तय की गई।

हालांकि यूपी सरकार का यह बजट युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित है। यह पहला मौका है, जब बजट पूरी तरह 'पेपरलेस' है। बजट 'उत्तर प्रदेश सरकार का बजट' ऐप पर उपलब्ध है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड भी किया जा सकता है। राज्य की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही अयोध्या के महत्व को प्रदेश के बजट में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। दुनिया भर में राम भक्तों को अयोध्या आने की उत्कंठा जागृत हो सके, इसके लिए ही हवाई यात्रा की सुविधा दी जा रही है।

हालांकि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। देश-विदेश के कुछ हिस्सों में वैक्सीनेशन शुरू होने के बावजूद कोरोना के मामलों में तेजी आई है। इसी वजह से एहतियातन डीजीसीए ने विदेशी उड़ानों पर पाबंदी 31 मार्च तक बढ़ा दी है। पहले ये पाबंदी 28 फरवरी तक थी जो महीना खत्म होने से पहले ही बढ़ा दी गई है। इसलिए हवाई यात्रा के लिए कुछ दिन इंतजार तो करना ही होगा। इस संदर्भ में डीजीसीए ने नए निर्देश भी जारी किए हैं। डीजीसीए की तरफ से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकरण ने 26 जून, 2020 के परिपत्र की वैधता बढ़ा दी है। इसके तहत भारत से और भारत के लिये अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाएं 31 मार्च, 2021 तक 23.59 मिनट तक निलंबित रहेगी।

हालांकि डीजीसीए ने ये भी साफ कर दिया है कि चुनिंदा मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय अनुसूचित उड़ानों को विशेष परिस्थितियों में अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा नए निर्देश मालवाहक उड़ानों और उन विमानों पर लागू नहीं होंगे जिन्हें डीजीसीए पहले ही मंजूरी दे चुका है। कोरोना के कहर की वजह से भारत सरकार ने 26 जून, 2020 से इंटरनेशनल फ्लाइट पर पाबंदी लगा दी थी जिसके बाद से समय-समय पर नई गाइडलाइंस के जरिए पाबंदी बढ़ाई जा रही है। घरेलू फ्लाइट तो देश में शुरू कर दी गई हैं लेकिन वो भी पहले के मुकाबले काफी कम संख्या में हैं। एहतियातन हर तरह से इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि कोरोना का संक्रमण फिर से न फैले जिससे देश में लॉकडाउन जैसे हालात फिर पैदा हों।

कोरोना वायरस का कहर देश-विदेश में फिर से लौट रहा है। ब्रिटेन में सबसे पहले पहचाने गए वायरस के एक नए ट्रेंड के 200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। भारत की बात करें तो कोरोना के यू टर्न का असर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से राज्य सरकार ने एहतियातन अमरावती सहित कई शहरों में फिर से लॉकडाउन का फैसला किया है। पंजाब और केरल में भी कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कुल मिलाकर अब भी कोरोना का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। वैक्सीनेशन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अब भी बेहद जरूरी है। (हिफी)

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