कोविड-19: कावड़ यात्रा को रोकने के लिए मुजफ्फरनगर और शामली के बॉर्डर सील

मुजफ्फरगनर , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अभिषेक यादव पत्रकार वार्ता दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तराखंड बॉर्डर

Update: 2020-07-07 14:59 GMT

मुजफ्फरनगर कोरोना वायरस महामारी के कारण सावन की शिव कांवड़ यात्रा इस वर्ष रद्द कर दी गई है। इसके चलते उत्तराखंड सरकार ने बीते दिनों ही हरिद्वार बॉर्डर पर कांवड़ियों को रोकने के बंदोबस्त कर लिए थे। वहीं उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर और शामली के प्रशासन ने भी उत्तराखंड और हरियाणा के साथ लगती प्रदेश के बॉर्डर बंद कर दिए थे। अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फरनगर और शामली जिले उत्तराखंड और हरियाणा से लगते हैं। कांवड़ियों को इन जिलों में प्रवेश करने पर पाबंदी लगाई गई है।

मुजफ्फरगनर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा कि दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग और उत्तराखंड के बॉर्डर से सटे क्षेत्रों में 58 नाके लगाए गए हैं। हरिद्वार की तरफ जाने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए यह बंदोबस्त किए गए है। उन्होंने कहा कि इन कावड़ियों को हरिद्वार जाने की अनुमति नहीं है।

अधिकारियों ने बताया कि शामली जिले में पुलिस ने पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर यमुना पुल को बंद कर दिया है। उन्होंने बताया कि शामली और पानीपत के अधिकारियों के मध्य सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा और राजस्थान से आ रहे कांवड़ियों को शामली में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। इस विषय पर हुई बैठक में दोनों जिलों के पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

पिछले माह उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने सालाना कांवड़ यात्रा को रद्द करने के लिए अपनी सहमति जताई थी। अधिकारियों के लगातार लोगों से हरिद्वार नहीं जाने की अपील के बाद नहीं माने जाने पर तो बॉर्डर को सील कर दिया है।

खबर हैं कि कांवड़िये हरिद्वार पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके तहत उत्तराखंड के साथ-साथ अन्य राज्यों की सरकार भी सीमाओं पर कांवड़ियों को रोकने की व्यवस्था कर रही हैं। आपको बता दें कि भगवान शिव के भक्त श्रावण मास में हर वर्ष कांवड़ यात्रा कर हरिद्वार से गंगा का पवित्र जल लेकर भोले बाबा का रुद्राभिषेक करते हैं। भोलेनाथ के भक्त इस माह में उत्तराखंड के हरिद्वार, गोमुख और बिहार के सुल्तानगंज से पवित्र जल लाने जुटते हैं। इन भक्तों को कांवड़िया के रूप में जाना जाता है।

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