IIT- कानपुर बनाएगी मानव रहित नई एरियल तकनीक

डायनामेटिक की भारत और यूरोप में तीन डिजाइन प्रयोगशालाएं हैं और यह एक प्रमुख निजी अनुसंधान एवं विकास संगठन है

Update: 2020-11-09 15:28 GMT

कानपुर। सैन्य उपकरणों के निर्माण के जरिये आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के प्रयास के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन के निर्माण के लिये सोमवार को रक्षा क्षेत्र में कार्यरत दुनिया की जानी मानी कंपनी डायनामेटिक टेक्नोलाजीज के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

एमओयू के तहत आईआईटी मानव रहित एरियल सिस्टम की नवीनतम तकनीक डायनामैटिक्स को उपलब्ध करायेगी जो रक्षा बलों के लिये ड्रोन का निर्माण करेगा। एमओयू पर आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर की उपस्थिति में अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रो एआर हरीश ने हस्ताक्षर किए।

प्रो करंदीकर ने डायनामेटिक्स के साथ इस सहयोग को एक महत्वपूर्ण विकास कहा जो यूएवी के डोमेन में आईआईटी कानपुर में चल रही अनुसंधान और विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और पुलिस, अर्ध-सैन्य और रक्षा बलों के अलावा अन्य संस्थानो के लिये उपयोगी होगा। उन्होने कहा कि आईआईटी कानपुर का एयरोस्पेस विभाग देश में सर्वश्रेष्ठ अनुसन्धानकर्ताओं में से एक है और इस डोमेन में कई रोमांचक काम कर रहा है जो अब इस साझेदारी के माध्यम से सामने आएंगे।

डायनामेटिक टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ डॉ उदंत मल्होत्रा ने कहा "डायनामेटिक और आईआईटी कानपुर के बीच यह साझेदारी अद्वितीय है, क्योंकि यह ग्राहकों की आवश्यकता के लिए नए उत्पादों को विकसित करने के लिए शिक्षा और उद्योग को एक साथ लाता है। यह सहयोग आईआईटीके और डायनामेटिक में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं और संसाधनों का उपयोग करके विकास के लिए अवधारणा को तेज करेगा।"

गौरतलब है कि डायनामेटिक टेक्नोलॉजीज एयरोस्पेस और रक्षा, हाइड्रोलिक्स और ऑटोमोटिव के क्षेत्र में देश की प्रमुख कंपनियों में एक है। कंपनी के पास भारत, यूके, जर्मनी और यूएसए में विनिर्माण सुविधाएं हैं और इन क्षेत्रों में अग्रणी ओईएम की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में है।

डायनामेटिक की भारत और यूरोप में तीन डिजाइन प्रयोगशालाएं हैं और यह एक प्रमुख निजी अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जिसके नाम कई अविष्कार और पेटेंट हैं। इसके अलावा कंपनी एक मेट्रोलॉजी प्रयोगशाला, एक सामग्री विज्ञान प्रयोगशाला और एक अनुसंधान फार्म का स्वामित्व और संचालन करती है।

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