विजिलेंस जांच में भगोड़ा IPS मणिलाल पाटीदार दोषी-FIR दर्ज

भगोड़ा आईपीएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। मुख्यमंत्री की ओर से अपनी मंजूरी प्रदान कर दी गई है

Update: 2022-05-07 07:52 GMT

लखनऊ। महोबा के क्रेशर कारोबारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे वर्ष 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार विजिलेंस की ओर से की गई जांच में भी दोषी पाए गए हैं। विजिलेंस की ओर से भगोड़ा आईपीएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। मुख्यमंत्री की ओर से अपनी मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

शनिवार को विजिलेंस की ओर से उजागर की गई जांच रिपोर्ट में क्रेशर कारोबारी इंद्र कांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे वर्ष 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार दोषी पाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से वर्ष 2020 की 11 सितंबर को महोबा में हुए इस कांड के बाद भगोड़ा आईपीएस मणिलाल पाटीदार की चल और अचल संपत्तियों की जांच किए जाने के आदेश विजिलेंस को दिए थे। विजिलेंस की ओर से की गई जांच में अब सामने आया है कि भगोड़ा आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने थानेदारों के जरिए अवैध धन वसूली का रैकेट चलाया था, जिसमें तमाम ऊलजुलूल तरीकों से अवैध धन अर्जित करते हुए भगोड़ा आईपीएस की ओर से विभिन्न संपत्तियों में निवेश किया गया। विजिलेंस की ओर से अब भगोड़ा आईपीएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आईपीएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में महोबा के क्रेशर कारोबारी इंद्र कांत त्रिपाठी की गोली लगने से मौत हो गई थी। गोली लगने से पहले क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की ओर से बाकायदा एक वीडियो वायरल करते हुए तत्कालीन महोबा एमपी मणिलाल पाटीदार पर 5 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप लगाया था। यह मामला सामने आने के बाद डीजीपी द्वारा आईपीएस मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड कर दिया गया था। उसी समय से आईपीएस मणिलाल पाटीदार फरार चल रहे हैं और वह पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं।

यूपी पुलिस ने भगोड़ा आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर 200000 रूपये का इनाम भी घोषित कर रखा है।

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