रामपुर में CAB बिल के खिलाफ फैसल लाला ने बुलंद की अवाज़, प्रेसिडेंट को भेजा मेमोरेंडम

तालीम तरबियत वेलफ़ेयर सोसाइटी की ओर से CAB बिल के विरोध में ज़िलाधिकारी रामपुर के माध्यम से एक ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति को भेजा गया।

Update: 2019-12-13 01:30 GMT

जिस अवाज़ को रामपुर के लोगों ने संसद में उठाने के लिए चुना था वह अवाज़ भाजपा के हाथों बिक गई है इसलिए कमज़ोर लोग खुद सड़कों पर निकलकर आए हैं ताकि बिल का विरोध कर सकें।


रामपुर । तालीम तरबियत वेलफ़ेयर सोसाइटी की ओर से CAB बिल के विरोध में ज़िलाधिकारी रामपुर के माध्यम से एक ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति को भेजा गया। तंज़ीम के प्रबंधक फैसल खान लाला ने ज्ञापन पढ़कर सुनाया जिसमें कहा गया है कि हाल ही में संसद के दोनों सदनों से पारित हुए नागरिकता संशोधन बिल से केवल मुसलमानों को हटाकर केंद्र सरकार ने हिंदुस्तान की गंगा-जमनी तहज़ीब, हिंदू-मुस्लिम एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश की है, भारत का संविधान कहता है कि सबको बराबरी की नजर से देखो लेकिन भाजपा का CAB बिल कहता है कि देश के नागरिकों को बराबरी की नजर से नहीं बांटकर देखो जब्कि बांटना देश के संविधान में नहीं है, हमारा संविधान सभी धर्मों और सभी संस्कृतियों की न सिर्फ रक्षा करता है बल्कि सभी धर्मों का आदर करता है और हर इंसान को इज़्ज़त से जीने का अधीकार देता है, एकता और समानता ही भारत की पहचान है जिसको नष्ट करने से हर एक धर्म जाति और संस्कृति की सुरक्षा पर आँच आएगी अगर आज हमने यह होने दिया तो कल यह सरकार हर व्यक्ति संस्था संस्कृति जाति और धर्म को निशाना बनाएगी, केंद्र सरकार मुसलमानों की अज़ादी की लड़ाई की बुनियाद को मिटाना चाहती है भारत की आत्मा को छलनी करना चाहती है भारत के संविधान को नष्ट करना चाहती है




 


CAB बिल लागू होने के बाद मुसलमानों के अलावा सभी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जा सकती है इसलिए अब आने वाले वक्त में NRC केवल मुसलमानों पर ही लागू होगी यह मंसूबा देश से बड़ी तादाद में केवल मुसलमानों को निकालने या उन्हें बेगार कैम्प में डालने की साज़िश है साथ ही CAB बिल आर्टिकल 14 का खुला उल्लंघन है जिसमें साफ कहा गया है कि भारत मे धर्म,जाति या रंग के आधार पर किसी के साथ नागरकिता में भेदभाव नही किया जाएगा लेकिन केंद्र सरकार ने CAB बिल धर्म के आधार पर लागू करके सीधा मुसलमानों पर निशाना साधा है और संविधान के आर्टिकल 14 की धज्जियां उड़ाईं हैं।





 


केंद्र सरकार की खराब नीतियों के चलते देश की आर्थिक स्थिति ठप है व्यापार बंद पड़े हैं बेरोज़गारी चरम पर है, न्यू इंडिया में सरकार महिलाओं को सुरक्षा तक देने में विफ़ल है आज देश की हर गली हर सड़क पर चलते हुए कॉलेज जाते हुए काम पर जाते हुए एक महिला को डर लगता है ऐसे में भाजपा अंग्रेजों की तर्ज पर बांटो और राज करो के रास्ते पर चल रही है मान्यवर भारत का हर इंसाफ पसंद नागरिक ख़ास तौर पर मुसलमान CAB और आने वाले NRC बिल का खुलकर विरोध करता है।





 


कहा यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे सांसद मौहम्मद आज़म खान इतने संवेदनशील बिल पेश होने के वक़्त सदन में गैर हाज़िर रहे इस वजह से आज रामपुर के लोग स्वयं अपनी अवाज़ आप तक पहुंचने चाहते हैं।





 


इसलिए मान्यवर से गुज़ारिश है कि देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता और अखंडता को बचाने के लिए तथा संविधान की गरिमा और देश में अल्पसंख्यकों अर्थात मुसलमानों की रक्षा व सुरक्षा के लिए उपरोक्त बिल को रोका जाना बेहद ज़रूरी है।

इस मौके पर मज़ार हाफ़िज़ सहाब के सज्जादानशीं फरहत अहमद जमाली, सौलत पब्लिक लाइब्रेरी के अध्यक्ष सीनशीन आलम मियां, मदरसा शिक्षा यूनियन के अध्यक्ष शहज़ादे अली अंसारी, तंज़ीम के उपप्रबंधक सिफ़त अली खान, पीरबख्श, शिराज़ जमील खान, आसिम मलिक, मौ. ज़फर, ऐजाज़ खान, उस्मान सैफ़ी, जब्बार खान, अरहम मियां, नासिर अली, अफसर अली, महमूद ग़ज़नवी, अब्दुल इसहाक, फिदा हुसैन, मामून खान, नईम खान सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।


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