दिव्यांगजन व्यक्तियों को पात्रता श्रेणी में सम्मिलित करने लिया गया निर्णय

इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन ग्राम्य विकास विभाग द्वारा निर्गत कर दिया गया है।

Update: 2022-09-24 15:45 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे दिव्यांग परिवार, जो आवासविहीन/कच्चे/जर्जर आवास में निवास कर रहे हैं, को मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पात्रता श्रेणी में सम्मिलित करने का निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन ग्राम्य विकास विभाग द्वारा निर्गत कर दिया गया है।

जारी शासनादेश में कहा गया है कि इस योजना में नियमानुसार चयन के लिए दिव्यांगजनों की श्रेणियां वही होंगी, जैसा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट/परिभाषित हैं तथा दिव्यांगता की पात्रता वही होगी, जैसा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 2 (द) में उल्लिखित है।

जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में निर्धारित पात्रता की प्राथमिकता श्रेणी प्रस्तर-2 के उपप्रस्तर 3.4 में दिव्यांग जनों की श्रेणी के पात्र व्यक्तियों को भी सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वयन हेतु पूर्व के शासनादेशो द्वारा कतिपय वर्ग/समुदाय/ जातियों/जनजातियों को योजनान्तर्गत निर्धारित पात्रता की विभिन्न प्राथमिकता श्रेणियों में सम्मिलित किया जाता रहा है।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उनके जनता दर्शन, विभिन्न जिलों के भ्रमण के दौरान कतिपय ऐसे दिव्यांगजन जो किन्ही कारणों से आवास नहीं पा सके है,आवास उपलब्ध कराने की मांग करते हैं ,इन स्थितियों को देखते हुए दिव्यांग जनों को मुख्यमंत्री आवास योजना की श्रेणी मे नियमों के तहत सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया है।

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