जन्म दिन विशेषः उद्यमी सतीश गोयल ने दिया सेवा, समर्पण और अनुशासन का गुरूमंत्र
मुजफ्फरनगर। जनपद के प्रसिद्ध उद्योगपति और प्रमुख समाजसेवी सतीश चन्द्र गोयल का 67वां जन्म दिवस आज सादगी के साथ पारिवारिक वातावरण के बीच मनाया गया। एम.जी. पब्लिक स्कूल प्रांगण में आज हुए अल्प कार्यक्रम में सतीश चन्द्र गोयल जी का पूरा परिवार शामिल रहा।
मुजफ्फरनगर। जनपद के प्रसिद्ध उद्योगपति और प्रमुख समाजसेवी तथा एम.जी. स्कूल्स मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन सतीश चन्द्र गोयल का 67वां जन्म दिवस आज सादगी के साथ पारिवारिक वातावरण के बीच मनाया गया। एम.जी. पब्लिक स्कूल प्रांगण में आज हुए अल्प कार्यक्रम में सतीश चन्द्र गोयल जी का पूरा परिवार शामिल रहा।
आज एक सादे समारोह के बीच समाजसेवी सतीश चन्द्र गोयल का जन्म दिवस पारिवारिक माहौल में मनाया गया। एम.जी. पब्लिक स्कूल और एम.जी. वल्र्ड विजन स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी इस कार्यक्रम में शामिल रहे।
इस अवसर पर एम.जी. पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर जी.बी. पाण्डेय, प्रिंसीपल मोनिका गर्ग, एम.जी. वर्ल्ड विजन स्कूल की प्रिंसीपल डाॅ. मृणालिनी अनन्त के साथ ही स्कूल के चारों विंग के कोर्डिनेटर ने एम.जी. पब्लिक स्कूल व एम.जी. वर्ल्ड विजन स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमेन सतीश चन्द्र गोयल को बुके भेंट कर बधाई दी। वहीं बच्चों ने भी चेयरमैन सतीश गोयल को पुष्प भेंट किये और सभी ने मिलकर उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना की।
इस अवसर पर डायरेक्टर जी.बी. पाण्डेय ने कहा कि चेयरमैन सतीश चन्द्र गोयल ने अपने जीवन में समाजसेवा को आदर्श बनाया। यह गुण उनको उनके पिता और इस स्कूल के संस्थापक स्व. बाबू हरबंस लाल गोयल से मिले। उनके आदर्शों को सतीश चन्द्र गोयल ने हमेशा ही आगे रखा और कर्म करते रहे। आज उनकी प्रेरणा और आदर्श ने एम.जी. परिवार को बढ़ाने का काम किया है।
प्रिंसीपल मोनिका गर्ग ने कहा कि हर व्यक्तित्व हमें जीवन में कुछ ना कुछ सीख देता है, चेयरमैन सर सतीश चन्द्र गोयल ने भी हमको समय की पाबन्दी सिखायी है। समय की पाबन्दी ही अनुशासन का सबसे पहला नियम है। हमें जीवन को सकारात्मक सोच के साथ जीते हुए हर दिन को सेलिब्रेट करना चाहिए।
समाजसेवी सतीश चन्द्र गोयल ने अपने जन्म दिवस पर कहा कि आज यह दिन हम स्कूल के सचिव स्व. सुरेन्द्र सिन्धी की प्रेरणा से मना रहे है, उनकी कमी इस खुशी में खल रही है। वह परिश्रमी व्यक्तित्व के धनी थे, उनकी ही इच्छा थी कि हम इस दिन को स्कूल में सेलिब्रेट करें।
उन्होंने बच्चों को ईमानदारी, परिश्रम और अनुशासन का गुरूमंत्र देते हुए कहा कि हमें सामाजिक सरोकार से भी अपना नाता जोड़ना चाहिए। समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हम जो भी कुछ कर सकते हैं, करने के लिए आगे आये। इसके लिए दूसरों को प्रेरित करें। उन्होंने सभी का आभार जताया और बाबू हरबंस लाल गोयल के समाज सेवा के लिए समर्पित हर प्रयास को पूर्ण करने का सकंल्प लिया। इस आयोजन में दोनों विद्यालयों के साथ ही पूरा परिवार शामिल रहा।