गोवंश को बीमारी से बचाने के लिए हर रोज लगेंगे 4.50 लाख टीके- धर्मपाल

प्रदेश से 'लम्पी' रोग समाप्त नहीं हो जाता तब तक बचाव एवं रोकथाम के सभी कार्य अभियान चलाकर युद्धस्तर पर जारी रखे जाएं।

Update: 2022-09-27 15:00 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि गोवंश को 'लम्पी' रोग से बचाने के लिए टीकाकरण का लक्ष्य बढ़ाकर हुए प्रतिदिन साढ़े चार लाख किया जाए और आगामी 10 अक्टूबर तक 01 करोड़ टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। पूर्वी जनपदों में किसी भी गोवंश के प्रभावित होने की सूचना पर तत्काल कार्यवाही की जाए और कानपुर नगर व वाराणसी के सीमावर्ती जनपदों में शतप्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी जनपद में वैक्सीन की कमी न होने पाये। प्रदेश में कुल 112.50 लाख वैक्सीन उपलब्ध है। जब तक प्रदेश से 'लम्पी' रोग समाप्त नहीं हो जाता तब तक बचाव एवं रोकथाम के सभी कार्य अभियान चलाकर युद्धस्तर पर जारी रखे जाएं।

पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने यह निर्देश आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में फैली 'लम्पी स्किन डिजीज' (एसएसडी) के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु गठित टीम-9 की बैठक में रोग प्रकोप के नियंत्रण एवं बचाव हेतु कृत कार्यवाही की विस्तृत समीक्षा करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि अब तक 50 लाख गोवंश का गोटपॉक्स टीकाकरण किया गया है। देश में 15 राज्य लम्पी रोग से प्रभावित हैं, जिसमें उ0प्र0 में प्रभावी रूप से रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया है। परिणामस्वरूप प्रदेश के पश्चिमांचल के 30 जनपदों में अब तक कुल 37306 गोवंश इस रोग से प्रभावित है, जिसमें से 23368 पशु रोगमुक्त हो चुके हैं, जो 58 प्रतिशत है। 351 गोवंश की मृत्यु हुई है। मृत्युदर 0.94 प्रतिशत है। चिकित्सा हेतु समस्त जनपदों में प्रचुर मात्रा में औषधियां उपलब्ध हैं।

मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि संक्रमित पशुओं के आश्रय स्थल, पंचायतीराज एवं नगर निगम के सहयोग से सोडियम हाइपो क्लोराइड/फिनायल आदि द्वारा विसंक्रमित किये जाएं। पशुओं को मच्छर, मक्खियों आदि से दूर रखने हेतु कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाए। प्रभावी एवं त्वरित चिकित्सा हेतु संचालित मोबाइल वेटरीनरी यूनिट का सदुपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषकों एवं पशुपालकों को नीम की पत्तियों को जलाकर धंुआं कर, पारम्परिक चिकित्सा जैसे नीम की पत्ती को जल में उबालकर उस पानी में हल्दी के साथ लेप बनाकर प्रभावित पशु के शरीर पर लगाने का प्रभावी परामर्श दिया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग डॉ0 रजनीश दुबे ने कहा कि टीकाकरण कार्य हेतु 1686 टीमें गठित की गई है। लम्पी रोग की चिकित्सा हेतु समस्त जनपदों में प्रचुर मात्रा में औषधियां उपलब्ध हैं। अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर जनपदीय सीमा से लगे जनपदों में सीमावर्ती विकास खण्ड/ग्रामों को टीकाकरण की प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम में सूचना प्राप्त होते ही चिकित्सा की त्वरित व्यवस्था की जा रही है। मुख्यालय में स्थापित कन्ट्रोलरूम के नम्बर 0522-2741992, 7880776657 एवं टोल फ्री नम्बर 1800-180-5141 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पीसीडीएफ के महाप्रबंधक कुणाल सिल्कू, पशुपालन निदेशालय के निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पी0के0 सिंह, निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि, अपर निदेशक डा0 एस0के0 अग्रवाल तथा डा0 जयकेश पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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