ग्रामीण महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु गन्ना विभाग की अनोखी पहल

प्रदेश मे नकदी फसल के रूप मे गन्नें की खेती बड़े पैमाने पर होती है, तथा गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों मे रोजगार की अपार सम्भवनायें विद्यमान है

Update: 2020-06-23 15:05 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा एवं गन्ना मंत्री सुरेश राणा के निर्देश पर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने प्रदेश के विभिन्न गन्ना उत्पादक जनपदों के अधिकारियों को ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वावलंबी बनाने के लिए गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण देने हेतु निर्देशित किया गया है। यह महिलाएं ग्रामीण स्तर पर सिंगल बड और बड चिप के माध्यम से गन्ने की नर्सरी तैयार करेंगी तथा पौध की बिक्री कर आय अर्जन कर सकेंगी।

इस सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए गन्ना आयुक्त, संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश मे नकदी फसल के रूप मे गन्नें की खेती बड़े पैमाने पर होती है, तथा गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों मे रोजगार की अपार सम्भवनायें विद्यमान है, जिसके दृष्टिगत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने हेतु स्वयं सहायता समूह तैयार कर उन्हें सिंगल बड एंव बड चिप के द्वारा गन्ने की नर्सरी तैयार किये जाने हेतु प्रशिक्षित एंव प्रोत्साहित किया जा रहा है।

गन्ना विकास परिषद एवं चीनी मिलों द्वारा संयुक्त रूप से ग्रामों का चयन करते हुये महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर इन समूहों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के 24 जनपदों में इस योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को टैंªड किया गया था परन्तु हाल ही में दो नये जिले गोरखपुर एवं महाराजगंज के जुड़ने से अब कुल 26 गन्ना उत्पादक जनपदों में महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अब तक 145 महिला स्वयं सहायता समूहों में 1399 ग्रामीण महिला उद्यमियों को सीडलिंग के वितरण हेतु नर्सरी तैयार करने के लिए गन्ना विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

गन्ना आयुक्त, संजय आर भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि आवश्यक मशीनें यथा सम्भव अनुदान के माध्यम से एंव चीनी मिलों से आवश्यक सहयोग लेकर उपलब्ध करायी जायेंगी। एन.एफ.एस.एम. द्वारा स्थापित प्रर्दशनी मे गन्ने की बुआई महिला सहायता समूह द्वारा तैयार सीडलिंग द्वारा अनिवार्य रूप से की जायेगी । एन.एफ.एस.एम. के प्राविधानों के अनुसार सीडलिंग उत्पादन हेतु रूपया 3.50 प्रति सीडलिंग के अनुसार अनुदान देय है।

गन्ना आयुक्त, संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ने की खेती मे महिला रोजगार सृजन के माध्यम से सेवायोजन के नये द्वार खुलेगे तथा रोजगार के विकल्प उपलब्ध होने के कारण महिला उद्यमियों का मनोबल भी बढेगा तथा आय सृजन होने से इस वर्ग के जीवन स्तर मे सुधार आयेगा, और यह वर्ग ग्रामीण स्तर पर ही गरिमामय जीवन यापन कर सकेगा। उपरोक्त योजना के अन्तर्गत समस्त प्रशिक्षण कार्यों मे कोविड-19 के सम्बन्ध मे जारी गाईड लाईन के अनुसार सोशल एंव फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश भी दिये गये है।

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