इंसानियत की मिसाल-चिकित्सक बने भगवान-मरीज तक पहुंचे तैरकर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के संक्रमण के दौरान देश के लोगों ने डॉक्टरों और अस्पतालों का मरीजों के प्रति वीभत्स रुप देखा
कोलकाता। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के संक्रमण के दौरान देश के लोगों ने डॉक्टरों और अस्पतालों का मरीजों के प्रति वीभत्स रुप देखा है। ऐसे चिकित्सकों को उनके दायित्व के प्रति आईना दिखाते हुए हावड़ा जिले में डॉक्टरों की टीम ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। चिकित्सकों के दल ने अस्पताल पहुंचने में असमर्थ मरीज के प्राण अपना जीवन संकट में डालकर बचा लिए और साबित कर दिया कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता हैं।
दरअसल हावडा जिले का उदयनारायणपुर ब्लॉक बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों में से एक है, जहां के ज्यादातर गांव गहरे पानी में डूबे हुए हैं। तमाम मुश्किल हालातों के बावजूद इतनी विकट स्थिति भी डॉक्टरों और उनके सहायकों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से नहीं रोक पाई। मरीजों को देखने के लिए तीन डॉक्टर, दो नर्स और चार सहायक लगभग आधा किलोमीटर तैरकर गए। गंभीर हालत वाले एक मरीज का ऑपरेशन करने के लिए उन्हें उदयनारायणपुर के जनरल अस्पताल जाना था। चारों तरफ पानी जमा होने के कारण वे तैरकर ही वहां चले गए।
मरीज का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों में से एक तारक दास ने कहा-''मरीज के गर्भाशय से खून बह रहा था और उसका तत्काल ऑपरेशन करने की जरूरत थी। हमारे पास अस्पताल पहुंचने के लिए तैरने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। कई बाधाएं आईं। जल का प्रवाह तेज था। हम अच्छे तैराक नहीं हैं इसलिए स्वाभाविक रूप से हमें तैरते वक्त बहुत सतर्क रहना पड़ा। दो दिन पहले दो लड़कियां पानी में डूब गई थीं। सांप के काटने का भी डर था। अधिकांश क्षेत्र जलमग्न हैं।