किसानों की समस्या के निदान को वित्त मंत्री को भेजें सुझाव

पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान ने अगले साल की 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किए

Update: 2022-11-24 09:01 GMT

मुजफ्फरनगर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय पशुधन राज्य मंत्री को पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान ने किसानों की विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए कृषि पर बजट पूर्व सुझाव भेजे हैं।

बृहस्पतिवार को पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बालियान ने अगले साल की 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किए जाने वाले देश के आम बजट से पहले किसानों की विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए उनके निदान के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपने सुझाव भेजे हैं।

पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजे गए सुझाव में कहा गया है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसान को चार वर्ष तक केवल ब्याज जमा करने की सुविधा और पांचवे वर्ष में एक बार मूलधन व् ब्याज दोनों जमा करने की सुविधा दी जाये व किसान क्रेडिट कार्ड (ज्ञब्ब्) की भी लिमिट को बढ़ाया जाए। कृषि को संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची में शामिल किया जाये। और भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर भारतीय कृषि सेवा का एक केंद्रीय कैडर बनाया जाना चाहिए।

सभी मुख्य फसलों, मुख्य फल-सब्जी व दूध व शहद आदि को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के दायरे में लाया जाना चाहिए। व बाजार हस्तक्षेप योजना को प्रभावी बनाया जाये। इसके अलावा किसानों के नाम पर कंपनियों को दी जानी वाली सब्सिडी को सीधे किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने के सम्बन्ध में समुचित कार्यवाही की जाये।

किसान को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिले या किसानों के इनपुट मटेरियल को जीएसटी से बाहर करने के सम्बन्ध में समुचित कार्यवाही की जाये। वित्तमंत्री को सुझाव दिया गया है कि केंद्र सरकार ने जिस तरह आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 की उप धारा (2) के खंड (ग) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2018 अधिसूचित कर चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य तय किया था, उसी तरह कोल्हुओं व् क्रेशरों पर बनने वाले उत्पाद गुड़-शक्कर व् खांडसारी का न्यूनतम विक्रय मूल्य तय किया जाये। कृषि क्षेत्र में निजी व् सार्वजनिक निवेश बढ़ाने और किसानों तक बाजार पहुंच बढ़ाने की समुचित व्यवस्था व आर्गेनिक कृषि बाजार की स्थापना की जाए।

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