ऑक्सीजन की आपाधापी-केजरीवाल ने मांगी थी जरूरत से 4 गुना ऑक्सीजन

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली समेत देश के अन्य इलाके के लोगों को ऑक्सीजन संकट का काम सामना करना पड़ा था।;

Update: 2021-06-25 06:48 GMT

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की पिछले दिनों देशभर में कहर बरपाने वाली दूसरी लहर के दौरान दिल्ली समेत देश के अन्य इलाके के लोगों को ऑक्सीजन संकट का काम सामना करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट की ऑडिट पैनल की रिपोर्ट में एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई ऑक्सीजन ऑडिट कमैटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने आवश्यकता से 4 गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी।

शुक्रवार को दी गई पैनल की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली को उस समय तकरीबन 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की मांग को बढ़ाकर 12 सौ मीट्रिक टन कर दिया था। ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की अत्यधिक मांग के कारण देश के 12 अन्य राज्यों को जीवन रक्षक ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा। क्योंकि अन्य राज्यों की आपूर्ति दिल्ली की तरफ स्थानांतरित कर दी गई थी। हालांकि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह ने 12 सदस्य टास्क फोर्स का गठन किया था और ऑक्सीजन वितरण प्रणाली पर पैनल के माध्यम से ऑडिट रिपोर्ट मांगी थी।

ऑडिट के दौरान ऑक्सीजन टास्क फोर्स ने जांच करते हुए पाया कि 13 मई को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन टैंकरों को नहीं उतारा जा सका। क्योंकि उनके टैंक पहले से ही 75 फीसदी से अधिक की क्षमता पर थे। यहां तक कि एलएनजेपी और एम्स जैसे सरकारी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन के टैंक भरे हुए पड़े थे। गौरतलब है कि अप्रैल-मई के दौरान जब कोरोना पीक पर था, तब दिल्ली के कई अस्पतालों को ऑक्सीजन संकट से जूझना पड़ा था और नौबत यहां तक आ गई कि कई लोगों की जानें भी चली गईं। दावा किया गया कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोरोना मरीजों की जानें गईं। इसके बाद केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच ऑक्सीजन को लेकर तकरार देखने को मिली थी।

Tags:    

Similar News