दालों के आयातकों को स्टॉक सीमा से छूट दी गई
केंद्र सरकार ने मिल मालिकों एवं थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा में ढील दी है।
नई दिल्ली । दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के बाद केंद्र सरकार ने आज मिल मालिकों एवं थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा में ढील दी है तथा आयातकों को इससे छूट दी गई है।
इन संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के वेब पोर्टल पर अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी। स्टॉक सीमा केवल तुअर (अरहर), उड़द, चना और मसूर दाल पर लागू होगी। संशोधित आदेश में प्रावधान किया गया है कि स्टॉक सीमा केवल अरहर, मसूर, उड़द और चने पर 31 अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के लिए लागू रहेगी। यह निर्णय लिया गया है कि दालों के आयातकों को स्टॉक सीमा से छूट दी जाएगी और वे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर दालों के स्टॉक की घोषणा करना जारी रखेंगे।
थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 500 टन होगी (बशर्ते एक किस्म की 200 टन से अधिक का स्टॉक नहीं होना चाहिए) खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक की सीमा पांच टन होगी । मिल मालिकों के लिए स्टॉक की सीमा पिछले छह महीने का उत्पादन या वार्षिक स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो वह लागू होगी ।
दालों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और 14 मई, 2021 को विभिन्न श्रेणियों के हितधारकों द्वारा दालों के स्टॉक की घोषणा करने और उसके बाद दो जुलाई 2021 को दालों पर स्टॉक सीमा निर्धारित करने जैसे विभिन्न उपाय किए हैं।
अरहर, उड़द, मूंग और चने की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख दिखाई दे रहा है। सरकार कीमतों को कम करने को लेकर उचित समय पर उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है और आम आदमी की चिंताओं और नाराजगी को काफी हद तक कम कर दिया है। इसके साथ ही, प्रभाव का आकलन करने के लिए नीतिगत उपायों की बारीकी से निगरानी की जाती है और समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए उभरते हुए घटनाक्रमों के अनुसार इनका समाधान किया जाता है।
वार्ता