पानी के लिए भूख हड़ताल- निकाला जूलूस-सरकार से मांगा पानी

सरकार की ओर से सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के दावों के विपरीत पानी की डिमांड को लेकर नागरिकों द्वारा भूख हड़ताल की।

Update: 2023-11-15 05:27 GMT

गाजियाबाद। सरकार की ओर से सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के दावों के विपरीत पानी की डिमांड को लेकर नागरिकों द्वारा भूख हड़ताल की जा रही है। 6 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे तीन लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाए। उधर महिला पुरुषों ने जुलूस निकालकर सरकार से शुद्ध पेयजल मांगा है।

बुधवार को गाजियाबाद के खोडा इलाके में पानी की मांग को लेकर 6 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे तीन लोग आज भी अपनी डिमांड को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि उन्हें पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, वह भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

इस बीच पानी नहीं मिलने से परेशान आसपास के इलाके के लोग भी भूख हड़ताल कर रहे तीन लोगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर जुलूस निकालते हुए पानी की डिमांड कर रहे हैं। जुलूस निकालकर पानी मांगने वालों में महिलाओं एवं पुरुषों के साथ बच्चे भी शामिल है।

भूख हड़ताल पर बैठे लोगों का कहना है कि मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे के बाएं तरफ बसा कस्बा खोड़ा तकरीबन 14 किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है। पिछले 5 साल के भीतर यहां का भूजल स्तर 500 फीट नीचे पहुंच गया है, जिसके चलते सरकार ने इस इलाके को डार्क जोन डिक्लेअर करते हुए यहां पर नए बोरिंग करने पर रोक लगा रखी है।

इलाके में जो पुराने नलकूप अथवा नल है उनके भीतर से साफ पानी नहीं निकलता है। खोड़ा में हर घर के भीतर नल नहीं है। सार्वजनिक हैंड पंप भी बेहद कम संख्या में लगाए गए हैं। इसलिए पानी भरने के लिए लोगों को लाइन लगानी पड़ती है। पेयजल के अस्थाई समाधान के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा 70 टैंकर के माध्यम से पानी वितरण की व्यवस्था की गई है। लेकिन इन टैंकरों से सुबह और शाम के वक्त पानी की आपूर्ति की जाती है। नियमित रूप से एक परिवार को दिया जाने वाला 200 लीटर पानी कम पड़ जाता है। जिसके चलते लोगों को प्यासे ही रहना पड़ता है।

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