यात्रियों की भारी मांग- सहारनपुर से लखनऊ तक चलें नौचंदी एक्सप्रेस

नौचंदी में जाने वाले यात्रियों ने मांग की है कि नौचंदी एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक चलाया जाये।

Update: 2021-03-03 16:16 GMT

मेरठ। नौचंदी में जाने वाले यात्रियों ने मांग की है कि नौचंदी एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक चलाया जाये। यात्रियों का कहना है कि नौचंदी एक्सप्रेस में लखनऊ से आगे इलाहाबाद तक जाने वाले यात्रियों की संख्या बहुत ही कम रह जाती है। इसके कारण रेलवे विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं इलाहाबाद जाने के लिए संगम एक्सप्रेस यात्रियों की पहली पसंद बनी हुई क्योंकि यह इलाहाबाद जल्दी पहुंचा देती है। इसी के चलते यात्रियों ने मांग की है कि नौचंदी एक्सप्रेस को सहारनपुर से लखनऊ तक चलाया जाये और फिर वापसी में लखनऊ से सहारनपुर तक चलाया जाये।

सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर समेत आसपास के जनपदों के लोग इलाहाबाद तक पहुंच सके, इसके लिए नौचंदी एक्सप्रेस चलाई गई थी। नौचंदी एक्सप्रेस सहारनपुर से इलाहाबाद तक जाती है। हाईकोर्ट इलाहाबाद जाने में लोगों को दिक्कत न हो, इस दृष्टि से भी नौचंदी एक्सप्रेस काफी महत्वपूर्ण है। बड़ी बात यह है कि इस ट्रेन में लखनऊ से आगे मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व अन्य आसपास के जनपदों के वे ही लोग जा पाते हैं, जिनका कि हाईकोर्ट इलाहाबाद में केस चल रहा है। इस ट्रेन में 10 स्लीपर के कोच होते हैं। डेढ़ कोच सैकंड एसी का होता है। आधा फर्स्ट एसी व थर्ड एसी का एक कोच होता है। थर्ड एसी में 72 सीट होती हैं। सेकंड एसी में 46 सीटें होती हैं। फर्स्ट और सेकंड एसी में 35-36 सीटें होती हैं। 10 स्लीपर के कोच होते हैं। एक कोच में 72 सीटें होती हैं। अर्थात 720 सीटें 10 स्लीपर कोच में आरक्षित होती हैं। नौचंदी एक्सप्रेस लखनऊ तक तो फुल जाती है, लेकिन लखनऊ के बाद इस ट्रेन में बहुत कम यात्री रह जाते हैं। सेकंड एसी की बात करें, तो उसमें लखनऊ के बाद मात्र 5-7 लोग रह जाते हैं। अधिकतम 10 लोग सेकंड एसी में रह जाते हैं। इतने ही यात्री सेकंड एसी में रहते हैं और स्लीपर लगभग 80 प्रतिशत तक खाली जाता है। इसके चलते रेल विभाग को लखनऊ से इलाहाबाद तक भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इस ट्रेन का लखनऊ से इलाहाबाद तक चलने से रेलवे को हानि का सामना करना पड़ता है।

इस ट्रेन को मेरठ, बागपत आदि जनपदों के लोगों द्वारा इसीलिए भी पसंद नहीं किया जाता है क्योंकि मेरठ से ही संगम एक्सप्रेस इलाहाबाद तक जाती है। संगम एक्सप्रेस को इसलिए भी यात्रियों द्वारा अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि यह शाम को 7 बजे मेरठ से चलती है और अगले दिन सुबह 8.35 बजे इलाहाबाद पहुंच जाती है। इसलिए जिन्हें कोर्ट जाना है, उन्हें भी कोर्ट पहुंचने के लिए पूरा वक्त मिल जाता है। यात्रियों का कहना है कि अगर नौचंदी एक्सप्रेस की बात की जाये, तो वह शाम को 4.50 बजे सहारनपुर से चलती है और अगले दिन सुबह 10 बजे इलाहाबाद पहुंचती है। इसलिए जिन लोगों को इहालाबाद कोर्ट जाना होता है, वे काफी लेट हो जाते हैं। वहीं नौचंदी एक्सप्रेस सहारनपुर से इलाहाबाद तक जाती है, तो लखनऊ के बाद रास्ते में रेलवे लाईन पर काफी लोड हो जाता है, जिसके कारण यह ट्रेन अक्सर काफी लेट हो जाती है। कोहरे के दिनों में तो यह ट्रेन कब तक यात्रियों को इलाहाबाद पहुंचा पायेगी, इसका जवाब किसी के पास भी नहीं होता है। इसलिए नौचंदी एक्सप्रेस के बजाय इलाहाबाद जाने के लिए अधिकतर यात्री संगम एक्सप्रेस को ही पसंद करते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में वादकारी समय से पहुंच सकें, इसी उद्देश्य से नौचंदी एक्सप्रेस चलाई गई थी, लेकिन उक्त उद्देश्य को नौचंदी के बजाय संगम एक्सप्रेस ज्यादा अच्छी तरह से पूरा कर रही है। यात्रियों का कहना है कि नौचंदी एक्सप्रेस का लास्ट स्टाॅपेज लखनऊ होना चाहिए, क्योंकि लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है और ज्यादातर लोग लखनऊ ही जाते है। इसलिए नौचंदी से चलने वाले यात्रियों की मांग है कि यह ट्रेन सहारनपुर से लखनऊ तक चले और फिर लखनऊ से ही सहारनपुर तक वापिस आये। इससे लखनऊ से इलाहाबाद तक ट्रेन के लगभग खाली जाने से रेलवे विभाग को जो नुकसान हो रहा है, वह भी बच जायेगा।

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