रेमडेसीविर की कालाबाजारी- 2200 इंजेक्शन बरामद

देशभर में कोरोना का संक्रमण चारों तरफ अपना कहर बरपा रहा है। लोग जीवन पाने के लिए मौत से संघर्ष कर रहे हैं।

Update: 2021-04-20 08:54 GMT

मुंबई। देशभर में कोरोना का संक्रमण चारों तरफ अपना कहर बरपा रहा है। लोग जीवन पाने के लिए मौत से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे हालातों के बीच भी कुछ लोग मौका तलाशते हुए आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने के लिये मैदान में उतर गए हैं। कोरोना के इलाज में जीवन रक्षक माने जाने वाले रेमडेसीविर इंजेक्शन की लोगों ने कालाबाजारी शुरू कर दी है। जिससे बाजार में रेमडेसीविर इंजेक्शन की बनावटी कमी उत्पन्न कर दी गई है। कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस ने मैदान में उतरकर छापामार कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मुंबई के 2 स्थानों पर छापामार कार्रवाई करते हुए बंदिशों के बावजूद निर्यातको द्वारा जमा करके रखे गए रेमडेसीविर इंजेक्शन की 2200 शीशियां बरामद की है। मंगलवार को पुलिस और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए आवश्यक माने जाने वाले रेमडेसीविर इंजेक्शन के निर्यात पर केंद्र सरकार द्वारा पिछले हफ्ते रोक लगा दी गई थी।

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता एस चैतन्य ने बताया कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दो स्थानों पर की गई छापामार कार्यवाही में एक स्थान से रेमडेसीविर इंजेक्शन की 2000 शीशियां बरामद की गई है जो कि एक ही दवा कंपनी की है। इन्हें अंधेरी पूर्व के मरोल इलाके में एक निर्यातक के प्रतिष्ठान से बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि बाकी 200 इंजेक्शन की शीशियां न्यू मरीन लाइंस इलाके में निर्यातक के एक अन्य परिसर बरामद की गई है। अधिकारी ने बताया कि जब्त किये गये इंजेक्शनों को अस्पतालों को उपलब्ध करा दिया गया है।




 


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