अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से टूटी 9 मरीजों की सांसो की डोर
चारों तरफ तेजी के साथ फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन के रूप में सांसो का संकट गहराता जा रहा है।;
मेरठ। चारों तरफ तेजी के साथ फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन के रूप में सांसो का संकट गहराता जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे महानगर के केएमसी अस्पताल में पिछले 24 घंटों के भीतर 9 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर प्रशासन का दावा है कि पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर थे।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब लोगों पर अपना कहर बरपाने लगी है। ऑक्सीजन की किल्लत पैदा होने से कोविड-19 का इलाज कर रहे अस्पताल ही अब खुद वेंटिलेटर पर आ गए हैं। अस्पतालों में लगातार ऑक्सीज खत्म होने के मामले सामने आ रहे है। महानगर के केएमसी अस्पताल में ऑक्सीजन के संकट से पिछले 24 घंटे में 9 लोगों की मौत हुई है। ऑक्सीजन की कमी से असमय ही काल के गाल में समाने वाले कोरोना संक्रमितों में शामिल लोग मेरठ के अलावा आसपास के जनपदों के भी रहने वाले थे। 13 मौत मेडिकल कॉलेज और 9 मौतें केएमसी अस्पताल में हुई है।
इनके अलावा आनंद हाॅस्पीटल, न्यूटिमा, आर्यव्रत आदि अस्पतालों में भी 8 लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पडा है। उधर ऑक्सीजन की कमी के कारण घरों के भीतर ही अपना इलाज करा रहे कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मरीज तड़प रहे हैं। इस बीच ऑक्सीजन की कमी के कारण कई निजी अस्पतालों ने नई मरीजों को भर्ती करने तक से हाथ खड़े कर दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें मांग के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। केएमसी अस्पताल के चेयरमैन डॉ सुनील गुप्ता का कहना है कि मरीजों की जरूरत के मुकाबले ऑक्सीजन बहुत कम है। कमी के बावजूद मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है। न्यूटिमा हाॅस्पीटल के संचालक डॉ संदीप गर्ग का कहना है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के बजाय स्वास्थ्य विभाग मरीजों को एक से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा रहा है।