छोटी खबर का बड़ा भय

दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में कोरोना की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है, लेकिन देश के दूसरे राज्यों में कोरोना ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

Update: 2020-07-26 06:13 GMT

लखनऊ। गत दिनों अखबार पढ़ते समय एक खबर पर नजर टिक गयी। सिंगल कॉलम में छपी छोटी सी खबर ने अंदर तक सिहरन पैदा कर दी । खबर कहां की है, यह महत्वहीन हो गया। खबर थी कि एक करोड़ पति की कोरोना वायरस की चपेट में आकर मौत हो गयी। उसके मृत शरीर को लेने को कोई तैयार नहीं । संस्कृत का वो श्लोक गलत साबित हुआ यस्सस्य वित्तम् सरू नरा...अर्थात जिसके पास धन है ,वह सब कुछ कर सकता है। कोरोना ने उसका अर्थ भी बदल दिया है । दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में कोरोना की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है, लेकिन देश के दूसरे राज्यों में कोरोना ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। खासकर बिहार, कर्नाटक और असम में कोरोना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। केंद्र सरकार ने इन राज्यों के साथ नई रणनीति तैयार करने के लिए गत 24 जुलाई को एक हाई लेवल रिव्यू मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में राज्य सरकारों के लिए कुछ विशेष निर्देश भी तय किये गये। भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 13 लाख को पार कर गई है। पिछले कुछ दिन से हर रोज औसतन 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। निश्चित रूप से ये राहत की बात है कि दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में कोरोना की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है लेकिन देश के दूसरे राज्यों में कोरोना ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। खासकर बिहार, कर्नाटक और असम में कोरोना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। लिहाजा हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने इन राज्यों के साथ नई रणनीति तैयार करने के लिए एक हाई लेवल रिव्यू मीटिंग बुलाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई ये बैठक करीब 3 घंटे तक चली। इस बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, झारखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों के नुमाईंदे मौजदू थे। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन राज्यों के मुख्य सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और कोविड -19 के खिलाफ राष्ट्रीय टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने भाग लिया। केंद्र की तरफ से इस बैठक में मुख्य तौर पर छह मुख्य मुद्दों पर जोर दिया गया। कैबिनेट सचिव ने कहा कि इस महामारी को छह महीने हो गए हैं। इस पर काबू करने के लिए क्या कदम उठाने हैं इसके बारे में हर किसी को जानकारी है।उन्होंने कहा, श्अब जरूरत इस बात की है कि इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम को कैसे लागू किया जाए। इसके बाद ही कोरोना की रफ्तार में कमी आएगी। बैठक में यह महत्वपूर्ण मुद्दा रखा गया कि जिन 9 राज्यों ने लॉकडाउन लागू किया है, उन्हें कंटेनमेंट जोन और सर्विलांस पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा अस्पताल के बुनियादी ढांचे और क्लीनिकल मैनेजमेंट को मजबूत करना होगा। इसके अलावा केंद्र ने राज्यों से ये भी कहा है कि वो मेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के लिए रिटायर्ड डॉक्टर,एमबीबीएस के फाइनल इयर के स्टूडेंट और नर्स को भी बुलाएं। केंद्र ने कमजोर मेडिकल सुविधा वाले राज्यों से कहा कि वो प्लानिंग पर ज्यादा जोर दें। इसके तहत कहा गया है कि ये ध्यान रखा जाए कि ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट और दवाई की कोई कमी न हो। साथ ही ये भी ध्यान रखा जाए कि फैसला लेने और लागू करने में कोई देरी न हो। सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने ये भी कहा कि केरल, गोवा और दिल्ली जैसे राज्यों से सबक सीखने की जरूरत है कि कैसे हालात बदले जाते हैं। इसके अलावा कर्नाटक का अनुभव हमें ये भी दिखाता है कि कैसे हालात अचानक बदल सकते हैं। बता दें कि कर्नाटक में अचानक पिछले दो हफ्तों से कोरोना के केस में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है।

सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने ये भी कहा कि केरल, गोवा और दिल्ली जैसे राज्यों से सबक सीखने की जरूरत है कि कैसे हालात बदले जाते हैं. इसके अलावा कर्नाटक का अनुभव हमें ये भी दिखाता है कि कैसे हालात अचानक बदल सकते हैं। बता दें कि कर्नाटक में अचानक पिछले दो हफ्तों से कोरोना के केस में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 जुलाई को देश में कोरोना के 48,916 मामले सामने आए, जबकि 757 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी। देश में अब तक कोरोना के 13 लाख 36 हजार 861 कंफर्म केस हो चुके हैं। वहीं इससे पहले 23 जुलाई को देश भर में कोरोना के 49,310 नए मामले सामने आए थे, जबघ्कि 740 मरीजों की मौत हो गई थी।स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के अब 4 लाख 56 हजार 071 एक्टिव केस हैं। कोरोना महामारी से अब तक 31 हजार 358 मरीजों की मौत हुई है, वहीं, 8 लाख 49 हजार 431 लोग ठीक हो चुके हैं और एक विदेशी लौट चुका है। कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 63.50ः हो गया है। दुनिया भर में भारत कोरोना संक्रमण के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 9,615 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है वहीं संक्रमण से इस अवधि में 278 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक कुल 3,57,117 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उनका कहना है कि पिछले 24 घंटे में हुई 278 मौतों के साथ ही राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 13,132 हो गई है। विभिन्न अस्पतालों से इलाज के बाद 5,714 लोगों को छुट्टी दी गई। प्रदेश में अभी तक कुल 1,99,967 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए हैं। इसी प्रकार गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,068 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 53,000 के पार हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा कि संक्रमित मरीजों की संख्या अब 53,631 है। बयान में कहा गया कि पूरे राज्य में संक्रमण की वजह से पिछले 24 घंटों में 26 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद कुल मरनेवालों की संख्या 2,283 है। वहीं अहमदाबाद जिले में पिछले 24 घंटे में 176 नए मामले आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या जिले में 25,349 हो गई वहीं तीन और लोगों की मौत के बाद जिले में मृतकों की संख्या 1,568 है।

बिहार में पिछले 24 घंटे में 24 जुलाई को कोरोना वायरस संक्रमण के 221 नए मामले सामने आए थे और नौ लोगों की मौत हो गई। वहीं 1,800 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 33,511 हो गई । स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार मुजफ्फरपुर और रोहतास में दो-दो, पटना, नालंदा, पश्चिमी चंपारण और सुपौल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. सुपौल में संक्रमण से पहले व्यक्ति की मौत हुई । राज्य के सभी 38 जिलों में संक्रमण की वजह से लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में सीरो-प्रेवलन्स स्टडी से पता चला है कि राष्ट्रीय राजधानी की लगभग एक चैथाई आबादी कोरोनावायरस से संक्रमित हो गई है। इस संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी भी डेवलप हो गई है। वैज्ञानिकों ने इसे हर्ड इम्यूनिटी का अच्छा संकेत बताया है। वैज्ञानिक सलाहकार समिति, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर जयप्रकाश मुलियाल के अनुसार ये सभी रैंडम सैंपल थे। जब आप रैंडम सैंपलिंग करते हैं तो यह पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. जब कुल जनसंख्या का औसत 23.5ः है, तो इसका मतलब है कि 23.5ः संक्रमित थे. अब उनमें कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बन गई और माना जाता है कि इम्यूनिटी लंबे समय तक चलेगी। इसलिए हम सभी को कोरोना को लेकर जो भय का भूत इंसानी रिश्तों से दूर ले जा रहा है, उस डर से मुक्त होना होगा।

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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