भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला

भारत यदि इस मैच में भी हारा तो सीरीज उसके हाथ से निकल जायेगी जबकि जीतने की स्थिति में सीरीज का फैसला निर्णायक मैच में होगा

Update: 2022-01-20 15:00 GMT

पारल। पहला मैच 31 रन से हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार को जब मेजबान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां दूसरे वनडे में खेलने उतरेगी तो यह उसके लिए करो या मरो का मुकाबला होगा। भारत यदि इस मैच में भी हारा तो सीरीज उसके हाथ से निकल जायेगी जबकि जीतने की स्थिति में सीरीज का फैसला निर्णायक मैच में होगा।

भारत ने निराशजनक गेंदबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को पहले मैच में चार विकेट पर 296 रन बनाने दिए थे जबकि खुद वह आठ विकेट पर 265 रन ही बना पाया था। भारत के आठ विकेट तो 214 रन पर ही गिर गए थे। शार्दुल ठाकुर ने अर्धशतक बनाकर हार का अंतर कम किया था। पहले वनडे में वेंकटेश अय्यर से गेंदबाजी न कराना काफी चर्चा में रहा जबकि एक दिन पहले कप्तान लोकेश राहुल ने कहा था कि वेंकटेश छठे गेंदबाजी विकल्प हैं।

भारत को न केवल मध्य ओवरों में अपनी गेंदबाजी की दुरुस्त करना है बल्कि मध्य ओवरों की अपनी बल्लेबाजी को भी सुधारना है। ओपनर शिखर धवन के 79 और पूर्व कप्तान विराट कोहली के 51 रन बनाकर आउट हो जाने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गयी और आगे के बल्लेबाज कोई संघर्ष ही नहीं कर पाए। श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत और रविचंद्रन अश्विन सस्ते में आउट हुए जिसके बाद शार्दुल ठाकुर ने अंत तक टिके रहकर पारी को पूरी तरह ढह जाने से बचाने का काम किया।

मैच के बाद कप्तान लोकेश राहुल का कहना था ,'हमें मध्य ओवरों में विकेट लेना सीखना होगा, साथ ही जिस तरह से हमारे बल्लेबाजों ने रन बनाए तो मध्य क्रम के बल्लेबाजों को संभालना था। पिच इतनी धीमी नहीं थी। मैंने कोहली और धवन से बात की तो उनका ऐसा मानना नहीं था। हम उनको 300 रनों के अंडर रोक पाए यह बड़ी बात है। हमारे गेंदबाजों ने कुछ 25 से 30 रन अधिक दिए लेकिन हमने खराब गेंदबाजी नहीं की। 290 से ज्यादा उन्हें नहीं पहुंचना चाहिए था, उनको 270 रनों तक रोका जा सकता था।'

दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने दूसरी तरफ कहा, पिच मेरे या डुसेन के लिए नहीं बदली थी। हमने गैप में गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया और हमारी साझेदारी ही इस मैच में अहम अंतर साबित हुई। यानसन के लिए अच्छा पदार्पण रहा। वह खिलाड़ी के तौर पर लगातार सुधार कर रहे हैं। उनको जब भी नई गेंद मिले तो वह हमें निराश नहीं करते हैं। हमारे पास छह गेंदबाजी विकल्प हैं, अच्छा है कि मारक्रम ने हमारे लिए गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया। केशव, मारक्रम, शम्सी तीनों हमारे स्पिनरों ने अच्छा काम किया। डिकॉक को वापस आते देखना अच्छा था। वह हमारे लिए बेहद अहम खिलाड़ी हैं।'

भारत टेस्ट सीरीज पहले ही गंवा चुका है और वह वनडे सीरीज जीतना चाहता है। भारतीय खिलाड़ियों को सीखना होगा कि मैच इस तरह नहीं गंवाए जा सकते। भुवनेश्वर कुमार ने 10 ओवर में 64 रन लुटाये थे जबकि ठाकुर ने 10 ओवर में 72 रन दिए थे। अब यह देखना होगा कि गेंदबाजी में कोई परिवर्तन कर दीपक चाहर को लाया जाता है या फिर यही कम्पोजिशन चलता है।


वार्ता

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