धनखड़ का नहीं सहेंगे अपमान, भाजपा ने किया प्रदर्शन

राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।

Update: 2023-12-21 13:42 GMT

शिमला। राष्ट्रीय राजधानी में संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल करने से नाराज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को शिमला में विरोध प्रदर्शन किया है। भाजपा कार्यकताओं ने जिलाधीश और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।

भाजपा नेता सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उप राष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद होता है। जिसका अपमान करना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि धनखड़ किसान परिवार और जाट समाज से आते हैं। पहले भी इस तरह प्रधानमंत्री का अपमान किया गया है।

आज आम परिवार से निकलकर लोग सर्वाेच्च पद तक पहुंचे है वह इन लोगों से बर्दाश्त नहीं हो रहा है। यह देश के किसानों का अपमान है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा ने राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर सख्त कार्यवाही की मांग कर रही है।

मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की विपक्ष के व्यवहार से लगता है कि उन्होंने विपक्ष में ही रहने का पक्का मन बना लिया है। उनके चाल, चरित्र और सोच से यही झलकता है। अगर उनका यही हाल रहा तो विपक्ष आज जहां है, अगले चुनाव में वहां से भी पीछे हो जायेंगे। क्या श्री धनखड़ का अपमान कांग्रेस और इंडी गठबंधन नेताओं ने क्या इसलिए किया कि वे बड़े परिवार से नहीं आते, क्या इसलिए किया कि वे एक साधारण जाट समाज से आते हैं? क्या इसलिए किया कि वे महज एक किसान के बेटे हैं? और अगर ऐसा नहीं है तो क्यों सर्वश्री राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और खुद कल्याण बनर्जी माफी मांगने के बजाए मुद्दे को भटका रहे हैं। श्री खडगे कह रहे हैं कि सदन में जाति की बात नहीं करनी चाहिए जबकि श्री गाँधी स्वयं सदन में जाति की राजनीति करते हुए लंबा लंबा भाषण देते हैं।

आश्चर्य की बात है कि घमंडिया गठबंधन की चौथी बैठक कल ही नई दिल्ली में हुई लेकिन इस अशोभनीय व्यवहार को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई, न ही सांसदों की निंदा की गई। अपनी इसी हरकत के कारण कांग्रेस 50 के आंकड़े में सिमट कर रह गई है। इसी हरकत के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उनके हवाई किले एक बार पुनः ध्वस्त हो गए।

भाजपा नेताओं कहा की विपक्ष के नेताओं को भूलने की आदत है, यह भूल गए कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता ने कैसे इनको राज्य से बाहर खदेड़ा। ये भूल गए कि मध्यप्रदेश की जनता ने इनको आईना दिखा दिया पर यह घमंडिया गठबंधन के बेशर्म नेता भरे बाजार अपनी शर्म बेच आए हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जिस तरह से श्री बनर्जी का साथ दे रहे हैं, इससे इनकी विकृत मानसिकता का पता चलता है। ये लोग कह रहे हैं कि सदन के बाहर मिमिक्री की गई तो सदन का अपमान कैसे हुआ? आप सोचिए जिन नेताओं का आचरण सदन के बाहर ऐसा है तो वह अंदर कैसा होता होगा। विपक्ष के नेताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इससे देश की वैश्विक छवि पर असर पड़ता है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि विपक्षी नेता राष्ट्र की गरिमा और छवि को छलनी का काम कर रहे हैं। घमंडिया गठबंधन के नेता ओबीसी समाज का अपमान करते हैं मगर माफी नहीं मांगते, दलित समाज का अपमान करते हैं मगर माफी नहीं मांगते, आदिवासी समाज का अपमान करते हैं मगर माफी नहीं मांगते, और अब उपराष्ट्रपति का अपमान किया पर माफी मांगने के बजाय तरह-तरह के तर्क देने का काम कर रहें हैं। संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का अपमान करके विपक्षी गठबंधन अपने हार की हताशा को दिखा रहे हैं। वह किसी व्यक्ति या दल का नहीं बल्कि देश का अपमान कर रहे हैं।

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस, इंडी गठबंधन और विपक्ष को अपने इस कृत्य के लिए सार्वजनिक माफी मांगी चाहिए और उन्होंने मांग रखी की ऐसे नेताओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

वार्ता

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