विधायक को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए किया गया निलंबित
लगातार हंगामे के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की टिप्पणियों के कारण काफी हंगामा हुआ और उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बजट सत्र की शेष अवधि के लिए उन्हें निलंबित कर दिया। विधायक के निलंबन के बाद कांग्रेस के लगातार हंगामे के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल होते हुए कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सरकार को लक्ष्य करके अनेक टिप्पणियां कीं। इसका संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और अन्य मंत्रियों ने जमकर प्रतिकार किया और अनेक अवसर पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के साथ तीखी नोंकझोंक हुयी। अध्यक्ष गौतम ने भी कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी काे समझाइश दी कि वे सदन की मर्यादा में रहकर अपनी बात रखें।
सदस्यों की टोकाटाकी के बीच कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने गुजरात के जामनगर में देश के एक प्रमुख उद्योगपति के ''जू'' का मामला उठाया और कहा कि वहां पर मध्यप्रदेश से बाघ और अन्य वन्यजीव भेजे गए। जबकि उसके बदले में मध्यप्रदेश के छिपकली, तोता और इस तरह की चीजें मिलीं। इस दौरान उन्होंने सरकारी व्यय पर एक दल के कार्यकर्ताओं को भोजन कराने समेत अनेक टिप्पणियां कीं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक तरह से आक्रोशित लहजे में कहा कि श्री पटवारी लगातार असत्य बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे जाे बोल रहे हैं, उससे संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाएं जाएं, हम लोग इनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे।
इस दौरान सदन में हंगामा होने लगा और सत्तारूढ़ दल भाजपा के सदस्य भी एकसाथ बोलने लगे। कांग्रेस के अनेक सदस्य भी बोल रहे थे। अध्यक्ष ने सभी को शांत रहने की समझाइश दी। मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकारी व्यय पर भोजन कराने की बात भी कही है। यह भी उनसे लिखित में लेकर पटल पर रखवाया जाए। मंत्री की बात का सत्तारूढ़ दल के सदस्य समर्थन कर रहे थे। काफी देर तक दोनों पक्षों के सदस्यों के एकसाथ बोलने के कारण सदन शोरगुल में डूब गया और अध्यक्ष गौतम ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सदन समवेत होने पर फिर हंगामे की स्थिति बन गयी। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कुछ दस्तावेज पटल पर रखे और अध्यक्ष ने इनका तथा कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की सदन में कही गयीं बातों का अध्ययन करने के बाद कहा कि इसमें भिन्नता है। इसके बाद फिर सदन में हंगामे की स्थिति बन गयी। इस दौरान सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी से माफी मांगने या फिर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। अध्यक्ष गौतम ने कहा कि श्री पटवारी को खेद व्यक्त करना चाहिए। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
इसके उपरांत सदन लगभग एक घंटे बाद समवेत हुआ। संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा ने नियमों का हवाला देकर विवादित टिप्पणियों के मामले में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को मौजूद बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर अध्यक्ष श्री गौतम ने सदन का मत जानने की प्रक्रिया अपनायी। डॉ मिश्रा ने अपने प्रस्ताव में कहा कि सदन काे मंदिर माना जाता है, लेकिन कुछ लोग यहां की गरिमा के विपरीत आचरण करते हैं। इसके बाद उन्होंने श्री पटवारी का नाम लेते हुए कहा कि उनके खिलाफ पहले से भी प्रकरण विशेषाधिकार समिति के समक्ष विचाराधीन है। इसके साथ ही उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए श्री पटवारी को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद ये प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
श्री पटवारी के सदन से निलंबित होते ही श्री पटवारी समेत कांग्रेस के अन्य विधायक हंगामा करने लगे, इस पर अध्यक्ष श्री गौतम ने श्री पटवारी से कहा कि आपके खिलाफ आदेश जारी हो गया है, ऐसे में अब आप नहीं बोल सकते। लगातार हंगामे के बीच अध्यक्ष श्री गौतम ने सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
वार्ता