सत्य की राह पर राम का काज कोई अपराध नहीं : गिरि

बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के बहुप्रतीक्षित फैसले का स्वागत

Update: 2020-09-30 09:07 GMT

लखनऊ। बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के बहुप्रतीक्षित फैसले का स्वागत करते हुये अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने कहा कि राम के काज में कोई अपराध नहीं होता। सनातन धर्म के अनुयायी सत्य की राह पर चलते है और सत्य की हमेशा जीत होती है।

मंहत गिरि ने बुधवार को कहा कि अदालत ने भी माना है कि बाबरी विध्वंस कोई सुनियोजित घटना नहीं थी और यह अचानक घटी घटना थी। न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। यह सच्चाई की जीत है जिसका संत समाज समेत पूरा देश स्वागत करता है।

उन्होने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के काम में कोई अपराध नहीं होता। न्यायालय के फैसले का सम्मान हर देशवासी को करना चाहिये और जो इसका आदर नहीं करता, उसे देशद्रोही कहना उचित होगा।

उधर, हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि संत समाज पिछले 70 सालों से इस फैसले के लिये लड़ाई लड़ रहा है। वर्ष 1949 में विवादित ढांचे में उनके गुरू अभिराम दास जी ने रामलला की प्रतिमा रखी थी और तभी से यह लड़ाई अनवरत जारी है।

काशी और मथुरा पर दावे की बात को टालते हुये उन्होने कहा कि सच्चाई से किसी को एतराज नहीं हो सकता। सभी जानते हैे कि काशी भगवान शंकर की नगरी है और बाबा विश्वनाथ मंदिर में स्थापित ज्योर्तिलिंग आदि काल से है। इसी तरह मथुरा भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है और इस सच्चाई से किसी को आपत्ति नहीं हो सकती।

मुस्लिम पक्ष के सीबीआई कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट हाेने और इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की बात पर उन्होने कहा कि यह लोकतांत्रिक देश है और हर नागरिक को किसी भी अदालत में अपील करने का अधिकार है। उन्हे अगर फैसले को चुनौती देनी है तो दें लेकिन सच यह है कि सच्चाई के पक्ष में फैसला आ चुका है।

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