जल भराव से रास्ता बना राजबाहा- भाजपा समर्थित गांव होने के बावजूद..
भाजपा समर्थित गांव होने के बावजूद यहां के लोगों को जल भराव जैसी समस्या से जूझना पड़ रहा है।
खतौली। भारतीय जनता पार्टी समर्थित गांव होने के बावजूद ग्रामीणों को जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अफसरों की अनदेखी की वजह से जल भराव से रास्ता राजबाहे के रूप में परिवर्तित हो गया है। घनी ठंड के बावजूद गांव वाले गंदे पानी में गुजरकर ही अपनी आने-जाने की जरूरत को पूरा करते हुए अपनी दिनचर्या को आगे बढ़ा रहे हैं। निरंतर शिकायतें किए जाने के बावजूद ग्रामीणों की परेशानी अफसरों द्वारा ठंडा बस्ती में डाल दी गई है।
खतौली तहसील एवं ब्लाक क्षेत्र के गांव जावन को भाजपा समर्थित गांव के रूप में जाना एवं पहचाना जाता है। लेकिन भाजपा समर्थित गांव होने के बावजूद यहां के लोगों को जल भराव जैसी समस्या से जूझना पड़ रहा है।
पिछले काफी समय से जावन से होकर जसौला गांव की तरफ जा रहा रास्ता निरंतर जल भराव होने की वजह से राजबाहे के रूप में परिवर्तित हो गया है। गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से ग्रामीणों के मकानों से निकला पानी सड़क पर ही विराजमान होकर अपना कब्जा जमा लेता है।
हालात ऐसे हो चले हैं कि निरंतर जल भराव होने की वजह से रास्ते पर कीचड़ ने भी अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। हर समय कीचड़ एवं गंदा पानी पसरा रहने की वजह से ग्रामीणों को यहां से होकर निकलने में निरंतर परेशानियां झेलनी पड़ती है।
गांव वाले और ग्राम प्रधान रास्ते पर हुए जल भराव की बाबत ब्लाक एवं तहसील से लेकर जिला स्तर तक जल भराव की समस्या को दूर करने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गांव वालों की यह आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज ही साबित हुई है।
ग्राम प्रधान मनोज पाल का कहना है कि जावन से जसौला गांव जाने वाले रास्ते पर हुए जल भराव की समस्या से अफसरों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन गांव वाले तमाम भाग दौड़ के बावजूद अभी तक जल भराव से होने होकर गुजरने को मजबूर है। हालांकि केंद्र एवं प्रदेश सरकार ग्रामीणों एवं गांवों की दशा सुधारने के दावे कर रही है। परंतु भाजपा समर्थित गांव होने के बावजूद ग्रामीणों को जल भराव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार हाईवे निर्माण को प्रदेश का विकास होना बता रही है, जबकि गांव के लोग सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं से बुरी तरह जूझ रहे हैं। खतौली तहसील और ब्लॉक से बामुश्किल 8-10 किलोमीटर दूर खतौली-फलावदा-मवाना रोड पर स्थित इस गांव की अभी तक किसी ने सुध नहीं ली है। ग्रामीण बबलू, नीरज पाल, छत्रपाल, बृजपाल, श्रीपाल रणवीर और अर्जुन आदि ने बताया है कि बिना बारिश के ही उनके गांव जावन से जसौला गांव की तरफ जाने वाला यह रास्ता हर समय जलमग्न रहता है। जिसके चलते उन्हें अपनी आने जाने की जरूरत इस जलाव भराव के बीच से ही होकर पूरी करनी पड़ रही है।