सरकार के साथ शुरू हुई किसानों की आठवें दौर की बातचीत
कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए किसानों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार के बीच बातचीत शुरू हो गई है।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार के बीच आज के दौर की बातचीत शुरू हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे आंदोलन के 44 वें दिन शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं की केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की बातचीत शुरू हो गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। सरकार को जहां बातचीत से मामले का समाधान निकलने की उम्मीद है वहीं किसान भी सरकार से संसद में पारित कर लाए गए तीन कृषि कानूनों को बातचीत में वापस लिए जाने की आस लगाए हुए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल आंदोलनकारी किसान नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए राजधानी के विज्ञान भवन में पहुंचे हैं। उधर केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की बातचीत करने के लिए किसान नेता भी तिरंगे झंडे हाथ में लेकर विज्ञान भवन जा पहुंचे हैं। बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री ने शुक्रवार को उम्मीद जाहिर की है कि वार्ता सकारात्मक माहौल में होगी और वार्ता के दौरान निश्चित ही मामले का समाधान निकलेगा। उधर इस प्रकार की आशाएं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने भी जताते हुए कहा है कि हम इस आशा के साथ बातचीत के लिए जा रहे हैं कि आज मामले का समाधान निकल आएगा। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा केंद्रीय मंत्री ने कल स्पष्ट रूप से कहा था कि कृषि कानूनों को रद्द करना उन्हें मंजूर नहीं है। इसलिए मुझे नहीं पता कि आज होने वाली वार्ता में क्या होगा? वैसे हम अच्छे की उम्मीद करते ही करके ही वार्ता के लिए जा रहे हैं।