हाथरस प्रकरण के विरोध में मौन सत्याग्रह पर बैठे कांग्रेसी

संविधान का अनुच्छेद 25 सभी को अपने अपने धर्म के अनुसार रीति रिवाज की पालना करते हुए अंतिम संस्कार करने का अधिकार देता है

Update: 2020-10-05 12:40 GMT

हिसार। हरियाणा के हिसार में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उत्तरप्रदेश के हाथरस की घटना के खिलाफ व पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लघु सचिवालय स्थित बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने आज मौन सत्याग्रह किया।

सुबह 10 बजे से एक घंटे तक मौन रहते हुए कार्यकर्ताओं ने हाथरस कांड पर गांधीवादी तरीके से अपना रोष जताया।

बाद में हरियाणा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 25 सभी को अपने अपने धर्म के अनुसार रीति रिवाज की पालना करते हुए अंतिम संस्कार करने का अधिकार देता है। इस संविधानिक अधिकार की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में लादकर आधी रात को बिना रीति रिवाज के व परिवार की मर्जी के बिना और उनकी गैरमौजूदगी में लड़की को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया, पीड़िता के परिजन अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाते रहे कि उनकी बच्ची का शव उन्हें दिया जाए, उन्हें अपने रीति रिवाज पूरे करने हैं और मृतका का मुंह देखना है पर किसी को दया नहीं आई, जबकि परिवार की अनुमति के बिना शव को जलाना अपराध की श्रेणी में आता है।

एडवोकेट खोवाल ने पीड़ित परिवार को अपने ही घर में नजरबंद करने और मृतका के आखिरी बयान को नजरंदाज कर परिजनों का ही नार्को टेस्ट करवाने की बात को लेकर भी निंदा की।

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