योगी का ट्रांसफर मरहम महज एक धोखा: अखिलेश

Update: 2020-09-11 13:29 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रवैये पर कटाक्ष करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री का 'ट्रांसफर मरहम' धोखा है और भ्रष्टाचार पर जीरों टालरेंस का उनका दावा जनता को सिर्फ बहकाने के लिए है।

अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि जब राज्य के सचिवालय से ही भ्रष्टाचार और ठगी का काम चलता हो तो फिर भाजपा सरकार का खुद बड़ा जीरो रिजल्ट आना ही स्वाभाविक है। सत्तादल के विधायक अपनी ही सरकार के पोल खोल अभियान में लग गए हैं। मुख्यमंत्री ठोक दो की नीति पर चल रहे हैं तो अफसरशाही के बीच लूट लो की प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है।

उन्होने सवाल किया कि एक जिले में अपराध रोकने में विफल कप्तान दूसरे जिले में जाकर कैसे बदल जाएगा और सब कुछ नियंत्रित कर लेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर उद्योग नगरी से जरायमनगरी में बदलता जा रहा है। अभी संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या लोगों को भूली नहीं थी कि सुनील यादव का चार सितम्बर को अपहरण हो गया। विधूना में उसका शव मिला। पुलिस उसका सुराग नहीं लगा सकी। सत्ता संरक्षित अपराध श्रंखला में यह भी एक कड़ी है। कुशीनगर में एक शिक्षक को गोली मार दी गई तो मेरठ-बागपत में आठ संदिग्ध मौते हुईं। बहराइच में एक सिपाही की हत्या हो गई। औरैया में सुबह गल्ला व्यापारी की हत्या हुई। मेरठ में एक व्यापारी की लूट के बाद गोली मारकर हत्या की गई।

उन्होने कहा कि कोरोना संकट के दौर में अफसरशाही का एक वर्ग लूट में लग गया है। गाजीपुर-सुल्तानपुर में अधिक मूल्य पर किट खरीद का मामला तूल पकड़ रहा है। उन्नाव में कंपोजिट ग्रांट में घोटाला के बाद कोविड किट में कमीशनबाजी का खेल हो गया। यहां भी दोगुने से ज्यादा दामों पर किटें खरीदी गई। सहारनपुर में ऐसे ही एक गोरखधंधे की पोल भाजपा नेता ने खोली है।

चरखारी से भाजपा विधायक ने भ्रष्टाचार पर रोक न लगने से तंग आकर खुले तौर पर खनन गाड़ियां फूंकने की धमकी दे दी है। कुछ और भाजपा विधायक भी अब खुलकर भ्रष्टाचार की शिकायतें कर रहे हैं। अब किसी विधायक को अपनी विधायकी पर शर्म आने लगी है तो कोई मायूस होकर बैठ गया है। कुछ अपने ढंग से मामले सुलटा लेने के लिए कमर कस रहे हैं।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने सड़कों को गड्ढ़ामुक्त करने का बड़ा एलान किया था। अब वह उसे जानबूझकर भूल रही है क्योंकि पुराने गड्ढे तो पटे नहीं, सड़कें ही गड्ढ़ों में तब्दील हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के राजमार्ग, महानगर, कस्बे और गांव की सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं। विभागीय मंत्री अब उधर देखते ही नहीं। शीर्ष पर बैठे अफसरों के नाम अवैध सम्बंधों में उछल रहे हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा सरकार संवेदनशून्य होकर बैठी है। उसके दमनचक्र से युवा आक्रोशित है। लोगों को अब सत्ता परिवर्तन का ही इंतजार है। प्रदीप वार्ता

Similar News