बागियों पर शुरू हुई कार्रवाई- बीजेपी ने दर्जनों कर दिए पार्टी से बाहर
कार्यकर्ताओं को पार्टी विरोधी क्रियाकलापों के चलते 6 साल के लिए बीजेपी से निष्कासित कर दिया है।
वाराणसी। तमाम मान मनोव्वल के बावजूद अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नगर निकाय चुनाव में इलेक्शन लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी के बागी नेताओं के खिलाफ पार्टी की ओर से कार्यवाही शुरू कर दी गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर तकरीबन डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं को पार्टी विरोधी क्रियाकलापों के चलते 6 साल के लिए बीजेपी से निष्कासित कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय की तरफ से शनिवार की देर रात एक चिट्ठी जारी करते हुए पार्टी के बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के निर्देश पर वाराणसी में बागियों के खिलाफ की गई बड़ी कार्यवाही के अंतर्गत 18 से भी ज्यादा बीजेपी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने की वजह से अगले 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में 28 ऐसे बागी नेता है जो बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरकर अपनी ताल ठोक रहे हैं। नगर निकाय चुनाव 2023 में कोई कसर नहीं छोड़ने की चाहत रखने वाली बीजेपी ने अब बागियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है।
बीजेपी के महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय की ओर से जारी की गई निष्कासन चिट्ठी के मुताबिक आदि विश्वेश्वर वार्ड से चुनाव लड़ रहे शकील अहमद, चेतगंज से विनय जायसवाल एवं शंकर साहू हबीबपुरा से मनीष गुप्ता, पितृकुंडा से विजय चौरसिया, पियरी कलां से गिरीश चंद श्रीवास्तव, देवेश शर्मा, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता और विपिन गुप्ता पार्टी से बागी हो गए हैं। इसके अलावा प्रहलाद घाट से सौरव कक्कड़, काल भैरव वार्ड से संजय विश्रामभरी, कोनिया से रजत, मध्यमेश्वर से कृष्ण कांत तिवारी समेत अन्य बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। तुलसी वार्ड से प्रत्याशी के खिलाफ काम करने वाले आदित्य शर्मा, भरत जायसवाल, पूर्व पार्षद धीरू यादव, वैभव मिश्रा, मनोज कुशवाहा, वार्ड अध्यक्ष हरिओम जायसवाल समेत कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है।