UP पुलिस के कर्मवीर साइबर ठगों से जनता को कर रहे अलर्ट- ऐसे करें बचाव
प्रभारी रहते हुए भी साइबर ठगों के चंगुल से छोटी से लेकर बड़ी रकम तक निकलकर पीड़ितों की झोली में डालने का काम कर चुके हैं।
मुजफ्फरनगर। तेजी से बदलती इंटरनेट की इस दुनिया में साइबर ठग भी एक्टिव हुए और वह भोले-भाले लोगों के साथ ही पढ़े-लिखे लोगों को भी बेवकूफ बनाकर उनकी रकम को ऐंठकर अपनी झोली में डाल रहे हैं। इसी पर अंकुश लगाने के लिये यूपी पुलिस भी लगातार जनता को जागरूक कर रही है। अपराध पर अंकुश लगाने के लिये जिलों और पुलिस स्टेशनों पर साइबर हेल्प सेंटर भी ओपन किये गये हैं, जो निंरतर साइबर ठगों पर प्रहार करते हुए उनके चंगुल से रकम को निकालकर पीड़ित को वापस लौटा रहे हैं। साइबर अपराध को रोकने के लिये यूपी पुलिस के जनपद मुजफ्फरनगर के थाना तितावी के थानाध्यक्ष भी लोगों की सहायता कर कर्मवीर बन गएा। साइबर अपराध को रोकने के लिये तितावी थानाध्यक्ष कर्मवीर समय-समय पर लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करते रहते हैं, जिससे भोली-भाली जनता साइबर ठगों का शिकार न हों। उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह शामली साइबर सेल के प्रभारी रहते हुए भी साइबर ठगों के चंगुल से छोटी से लेकर बड़ी रकम तक निकलकर पीड़ितों की झोली में डालने का काम कर चुके हैं।
तितावी थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने बताया है कि आजकल सोशल मीडिया के साथ-साथ साइबर तकनीक इस्तेमाल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, जो सुविधाएं वर्षों पहले तक हमारे से बहुत दूर रहती थी, वह अब हमारे मोबाइल या कम्प्यूटर के सहारे हमारे एकदम पास आ गई हैं। आमतौर पर देखने में आया है कि आमजनमानस के बीच इंटरनेट और सोशल मीडिया के चल को देखते हुए धोखेबाज भी इस क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। साइबर अपराधों को सजगता से ही रोका जा सकता है।
थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को कॉल, मैसेज आदि के माध्यम से अपना आधार नम्बर, पैन नम्बर, बैंक विवरण, ATM पिन नम्बर, CVV नम्बर, अकाउंट नम्बर, पासवर्ड, UPI पिन जैसी जानकारियों को कतई भी किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपको उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है क्योंकि अगर आप ऊपर दी गई चीजों को किसी के साथ शेयर कर देते हैं तो तुम्हारे साथ फ्रॉड होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। आपकी थोडी-सी भी लापरवाही आपके बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं। धोखाधड़ी से बचने के लिये बिल्कुल सतर्क रहें।
थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने बताया है कि किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होने पर सहायता लेने के लिये पहले 155260 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करनी पड़ती थी लेकिन अब इसमें परिवर्तन कर दिया गया। अगर वर्तमान काल में किसी व्यक्ति के साथ साइबर धोखाधड़ी हो जाती है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1930 को डायल कर सहायता ले सकता है। अगर आपके साथ किसी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होती है, तो सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करें। कॉल करने पर अधिकारी शिकायतकर्ता से लेनदेन से संबंधित विवरण लेगा। इसके बाद टोकन नंबर जनरेट होगा फिर लाभार्थी/अपराधी के बैंक खाते, पेमेंट वॉलेट या मर्चेंट का पता लगाने व निकाली गई राशि को रोकने के लिए डिजिटल अलर्ट भेजा जाएगा। डिजिटल अलर्ट बजते ही सिस्टम द्वारा धोखाधड़ी से निकाले गए रुपयों के ट्रांसफर को फ्रीज कर दिया जाएगा। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आप निकाले हुए रूपयों को वापस प्राप्त कर सकते हैं।
थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने बताया कि भारत के किसी भी व्यक्ति के साथ साइबर धोखाधड़ी होती है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1930 को डायल कर अपनी समस्या का निवारण करा सकता है। साइबर धोखाधड़ी होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 48 घंटों के भीतर शिकायत कर सकते हैं। 48 घंटों के भीतर शिकायत करते हैं तो आपकी शिकायत को दर्ज कर लिया जायेगा, जिसके बाद पीड़ित की रकम को वापस कराने का प्रयास किया जायेगा। 48 घंटों के भीतर की गई शिकायत में साइबर ठग द्वारा ठगी गई रकम पीड़ित के पास लौटने की प्रबल संभावनाएं रहती है। उन्होंने चेताया है कि साइबर अपराध की बाबत शिकायत करने में जितनी देरी होगी, उतनी ही रूपये लौटने की संभावना कम होंगी।
थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुआ पीड़ित व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 1930 के अलावा भी गूगल पर जाकर cybercrime.gov.इन सर्च करें, जिसके बाद अपनी शिकायत को दर्ज करें। cybercrime.gov.in की वेबसाइट पर साइबर धोखाधड़ी से सम्बंधित सभी विवरण दर्ज करके अपनी शिकायत को सबमिट कर दें, जिसके बाद आपके द्वारा दर्ज किये गये मोबाइल नंबर पर एक SMS आयेगा। साइबर धोखाधड़ी से पीड़ित व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 1930 और cybercrime.gov.in पर शिकायत कर साइबर ठग द्वारा ठगी गई रकम को वापस प्राप्त कर सकते हैं।
थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी हो सकती है और लेकिन आपसे हेल्पलाइन नंबर 1930 और वेबसाइट cybercrime.gov.in द्वारा शिकायत नहीं हो पा रही है तो अपने स्थानीय थाने पर जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं, जिसमें पुलिस अधिकारी आपकी सहायत करेंगे और आपकी रकम को आपके पास लौटाने का प्रयास करेंगे।
इन चीजों का रखें विशेष ध्यान- वरना हो सकता है फ्रॉड
1. किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले इसके नियम और शर्तें पढ़ लें।
2. अजनबियों या अज्ञात नंबरों द्वारा भेज गए संदेशों से प्राप्त फाइलों को कभी भी स्वीकार या डाउनलोड ना करें।
3. अज्ञात नम्बर को ब्लॉक करने के लिये, उस विशेष चैट विंडो को खोलें, More विकल्प पर जाएं और ब्लॉक करें।
4. व्हाट्सएप के माध्यम से कभी भी निजी जानकारी जैसे बैंक खाता विवरण, पिन या पासवर्ड न भेजें।
5. ऑटोमेटिक डाउनलोड अक्षम रखें।
6. कभी भी अज्ञात नम्बरों से प्राप्त संदिग्ध संदेशों का जवाब न दें।
7. यदि आपका फोन गुम हो जाता है तो व्हाट्सएप को निष्क्रिय कर दें।
8.यह सुनिश्चित करने के लिये कि गुप्त 6 अंकीय कोड को जाने बिना कोई भी आपके व्हाट्सएप को सेट नहीं कर सकता है, ट्रफैक्टर प्रमाणीकरण को सक्षम करें।
9. यह सुनिश्चित करें कि क्लाउड बैकअप्स बंद हैं। क्लाउड प्रदाता के साथ साझा करने पर वे सुरक्षित नहीं होते हैं।
10. व्हाट्सएप वेब को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करें, सभी कम्पयूटरों से लॉग आउट करें।
11. कभी भी उस संदेश पर भरोसा न करें, जो व्हाट्सएप से आने का दावा करता है और सेवा के लिये भुगतान की मांग कर सकता है।
12. अपने प्रोफाइल चित्र तक पहुंच को केवल अपने सम्पर्को के लिए सीमित करें।
13. जब आप ओपन वाईफाई नेटवर्क से कनेक्ट हों तो व्हाट्सएप का उपयोग से बचें।
14. हमेशा अपने मोबाइल डिवाइस पर एक अद्यतन एंटीवायरस सुरक्षा सोल्यूशन स्थापित करके रखें।