लखनऊ। राजधानी लखनऊ की एटीएस/ एनआईए अदालत ने अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करने तथा विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले में फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही चार लोगों को 10 साल का कठोर कारावास की भी सजा सुनाई गई है।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद के रतनपुरी थाना इलाके के गांव फुलत में मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के संचालक मौलाना कलीम सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश की एटीएस ने अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करने तथा विदेशी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले को लेकर लखनऊ की एटीएस एनआईए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।
आज अदालत ने मौलाना कलीम सिद्दीकी, कौसर आलम, अब्दुल्ला उमर, सरफराज अली जाफरी, धीरज गोविंद, डॉक्टर फ़राज़, रामेश्वर प्रसाद, भूप्रिय बंदों , मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती जहांगीर कासमी, इरफान शेख, सलाउद्दीन शेख, धीरज गोविंद को आजीवन कारावास के साथ-साथ 10 हजार रूपये के जुर्माने की भी सजा सुनाई। इसके अलावा अदालत ने राहुल भोला, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ तथा मोहम्मद सलीम को 10 साल की सजा सुनाते हुए 50 हजार रूपये का अर्थ दंड भी लगाया है।