IPS विनीत जायसवाल को मिली हॉट हाथरस को कूल करने की कमान

योगी सरकार ने हाथरस में किरकिरी झेलने के बाद विनीत जायसवाल को शामली के बाद हॉट बन चुके हाथरस की जिम्मेदारी सौंप दी गयी है;

Update: 2020-10-02 16:09 GMT

लखनऊ । आईपीएस विनीत जायसवाल के लगभग एक साल के कार्यकाल में शामली जो गुड पुलिसिंग की है उसी का नतीजा रहा है कि योगी सरकार ने हाथरस में किरकिरी झेलने के बाद इस युवा आईपीएस पर भरोसा जताया है। सरकार ने विनीत जायसवाल को शामली के बाद हॉट जनपद बन चुके हाथरस की जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। हाथरस का पुलिस कप्तान बनने के आदेश जारी होने के बाद शामली से ही विनीत जायसवाल ने कहा की ज्वाइन करने के बाद वहां के हालत के बारे में बात करेंगे।  


गौरतलब है की   खाकी वर्दी का असर विनीत जायसवाल पर बचपन से ही रहा है, यही कारण है कि वह मैनेजमेंट और इंजीनियर के क्षेत्र में अच्छे अवसरों को छोड़कर पुलिस विभाग में सेवा के क्षेत्र में उतरकर समाज को अपराधमुक्त बनाने का लक्ष्य लेकर अग्रसर हैं। शामली जनपद में कप्तान के रूप में पुलिस फोर्स का नेतृृत्व कर रहे और अब हाथरस के नए पुलिस कप्तान आईपीएस विनीत जायसवाल के जीवन से खाकी वर्दी को लेकर कई संयोग जुड़े हैं। सबसे पहले तो उनको उनके पिता के जीवन से सर्वाधिक रूप से प्रभावित किया है। उनके पिता राधेश्याम जायसवाल एक जेल अधीक्षक रहे हैं। उनका बचपन जेल और खाकी के बीच के माहौल में कर्तव्य पारायणता और ड्यूटी के प्रति कर्मठता को देखते हुए गुजरा है। विनीत जायसवाल मूल रूप से राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक और धार्मिक कर्मभूमि जनपद गोरखपुर के निवासी हैं। साल 2014 बैच के आईपीएस विनीत जायसवाल को एसपी के रूप में शासन ने प्रमोट करते हुए शामली जनपद में पहली तैनाती दी थी । शामली से  पहले वह नोएडा में एसपी सिटी के पद पर कार्यरत थे। विनीत जायसवाल एक जुझारू युवा हैं। उनके जुझारूपन का प्रमाण यही है कि उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान ही पिता की भांति खाकी वर्दी को लक्ष्य बनाया था। उन्होंने सिविल सर्विस में जाने की इच्छा को लेकर काम किया और कई बाद की नाकामी के बाद भी वह हतोत्साहित नहीं हुए, बल्कि हर एक नाकामी के बाद उन्होंने नई ऊर्जा के साथ खुद को आगे बढ़ाने का काम किया।


स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद विनीत जायसवाल ने तकनीकी सेवा और सुझाव देने वाली भारतीय मल्टीनेशनल कम्पनी इंफोसिस को एक कम्प्यूटर साइंस के बेचलर टेक्निशियन के रूप में ज्वाइन किया। इसी बीच आईआईएम, केरल में भी उनका चयन हो गया था, लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में दक्षता हासिल करने के बजाये पिता की भांति ही सेवा के मार्ग को चुना। उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के अपने ड्रीम को पूरा करने के लिए साल 2011 से शुरूआत की। विनीत जायसवाल मजबूत तैयारी के बाद भी पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाये, लेकिन इसके बाद भी वह मजबूत इरादों के साथ नये लक्ष्य को लेकर फिर से तैयारी में जुटे, उनका यह प्रयास भी पराजय लेकर आया। दो बार की हार के बाद भी विनीत जायसवाल का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ और साल 2013 में उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम को ब्रेक किया। विनीत की इस जुझारू सफलता पर परिवार को गर्व हुआ। आज वह 2014 बैच के युवा आईपीएस अफसर के रूप में अपनी सेवा देने के लिए शामली से हाथरस जनपद में तैनात हो गए है । 


पुलिस अकादमी में ट्रैनिंग के उपरांत विनीत जायसवाल को अण्डर ट्रेनी अफसर के रूप में जनपद आगरा में तैनात किया गया। यहां पर छह माह की ट्रैनिंग के दौरान वह थाना इंचार्ज रहे। यहां पर उन्होंने एक थाना प्रभारी के रूप में अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के साथ ही कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर हलचल मचा दी थी। पुलिस सेवा में आने के बाद यह संयोग ही था कि विनीत जायसवाल को शुरूआत से ही बड़े जनपदों और यूपी के महानगरों में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। आगरा की ट्रैनिंग के बाद उनको शासन ने इलाहाबाद जनपद में भेजा। यहां पर वह लम्बे समय तक तैनात रहे। उन्होंने इलाहाबाद में सीओ थर्ड, सीओ क्राईम, सीओ लांईस, सीओ एकाउंट और सीओ डायल 100 का दायित्व संभालकर उत्कृष्ट कार्यशैली को प्रदर्शित किया। यहां पर ही उनको सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके बाद उनको इटावा जनपद में तैनात किया गया। यहां पर वह जनपद के पहले अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर अपराध उन्मूलन के लिए अपना बेहतर योगदान दे पाये। विनीत जायसवाल को इटावा के बाद गौतमबुद्धनगर में एसपी ग्रामीण और इसके बाद यहीं पर एसपी सिटी के पद पर तैनात किया गया। दिल्ली के नजदीक यूपी के औद्योगिक नगर के रूप में विख्यात नोएडा में देहात और शहर संभालने के बाद अब शासन ने उनको शामली में शासन का इकबाल बुलन्द करने का जिम्मा देकर भेजा है।

                                जिस जिले में बेचलर बने, वहां संभाली कानून व्यवस्था

 आईपीएस विनीत जायसवाल के खाकी प्रेम में एक तीसरा संयोग यह भी जुड़ा कि जिस जिले में उन्होंने शिक्षा हासिल की, वहीं पर उनको अफसर के रूप में कार्यरत रहकर कानून व्यवस्था को संभालने का अवसर मिला। पिता राधेश्याम जायसवाल के सर्विस जीवन से ही विनीत के भीतर वर्दी का प्यार जगा था। उन्होंने अपने पिता के अनुशासित जीवन से खुद के अन्दर लक्ष्य हासिल करने और नाकामियों से ना घबराने का हौसला पैदा किया। विनीत जायसवाल की स्कूली शिक्षा पिता के सर्विस में रहने के कारण स्थानांतरण के चलते वाराणसी और कानपुर जनपदों में पूर्ण हुई। इसके बाद 2010 में नोएडा के जेएसएस काॅलेज से विनीत ने कम्प्यूटर साइंस विषय के साथ बी.टेक किया। इसके साथ ही वह मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी दक्षता हासिल करने का मन बना रहे थे, इसके दिये दिये गये इंट्रेंस एग्जाम के बाद उनका चयन आईआईएम केरल के लिए किया गया, लेकिन नोएडा से बी.टेक करने के दौरान कभी विनीत ने सोचा भी नहीं था कि उनका जीवन करियर की राह पर ऐसा भी मोड लेगा कि वह एक आईपीएस अफसर के रूप में उसी नोएडा में तैनात रहकर कानून व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्य करेंगे, जहां उन्होंने अपना छात्र जीवन बिताया है। 

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