ADG प्रशांत की पुलिस का पंच - 30 Month में 60 Criminals यमलोक Express में हुए सवार
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में क्राईम मैनेजमेंट के बड़े गुरू साबित हो रहे हैं।
मेरठ। डिफेंस फिलोस्फी के साथ ही आपदा प्रबंधन के 'मास्टर' आईपीएस प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में क्राईम मैनेजमेंट के बड़े गुरू साबित हो रहे हैं। क्राईम के ग्राफ में हमेशा ही उत्तर प्रदेश के साथ साथ देश में ऊंची पायदान पर रहने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जब आईपीएस प्रशांत कुमार ने मेरठ जोन में अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था, तो सबसे बड़ी चुनौती क्राईम कंट्रोल ही था। उन्होंने इस जिम्मेदारी भरे पद पर 30 माह का सफल कार्यकाल पूर्ण किया है। उनके इस कार्यकाल पर गौर किया जाये तो उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ चले सभी अभियानों में मेरठ जोन हर क्षेत्र में अव्वल नजर आता है। 30 महीनों में आईपीएस प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में पुलिस मुठभेड़ में 60 कुख्यात और इनामिया बदमाशों को ढेर किया गया। यानि हर 15 दिन में पुलिस औसतन एक बदमाश का टिकट काटने में सफल रही मतलब एक महीने में दो बदमाश यमलोक पहुंचा दिये गये। ऐसी उपलब्धि शायद ही किसी दूसरे आईपीएस के कार्यकाल में रही हो। पहले दिन से आज तक प्रशांत कुमार का कार्यकाल पुलिस का मनोबल और सरकार का इकबाल बुलन्द करने वाला रहा है।
सुशासन और भयमुक्त समाज की स्थापना का विश्वास जगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता का सफर शुरू किया था
मार्च 2017 में जब सुशासन और भयमुक्त समाज की स्थापना का विश्वास जगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता का सफर शुरू किया तो सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था के रूप में उनके सामने थी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने आॅपरेशन क्लीन की शुरूआत की और पुलिस को अपराधियों पर टूट पड़ने का मंत्र देते हुए फ्री हैंड दे दिया। ऐसे में एडीजी मेरठ जोन आनन्द कुमार के एडीजी कानून व्यवस्था बनाये जाने के बाद मेरठ जोन की कमान 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार को सौंपी गई। उन्होंने 15 जुलाई 2017 को मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यभार सम्भाला। हालांकि उनके यहां आने से पहले ही बदमाशों से लोहा लेने का काम पुलिस ने शुरू कर दिया था, लेकिन उनके कार्यकाल में मेरठ जोन में पुलिस का जौहर बदमाशों पर ऐसा हावी हुआ कि जनता के बीच खौफ पैदा करने वाले बदमाश ही खुद बदहवास नजर आने लगे और थानों में हाथ उठाये बदमाशों को पुलिस के आगे तौबा-तौबा करते हुए देखा गया। आईपीएस प्रंशात कुमार ने मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक पद हाल ही में 30 महीने का अपना कार्यकाल पूर्ण किया है, इस अवधि में उनके मार्ग निर्देशन में जोन के नौ जनपदों में पुलिस ने हर लिहाज से बेहतर पुलिसिंग करके दिखाई है। जबकि प्रशांत कुमार ने 'वेस्ट में बेस्ट पुलिसिंग' का प्रदर्शन करते हुए खाकी को एक नया दर्शन शास्त्र देने का काम किया है। आईपीएस प्रशांत कुमार के 30 महीने के कार्यकाल में मेरठ जोन पुलिस ने 60 बदमाशों को मुठभेड़ में उनके अंजाम तक पहुंचाने का काम किया। उनके कार्यकाल में हर 15 दिन में पुलिस को जश्न मनाने का अवसर मिला और 15 दिन के अन्दर एक बदमाश अपराध की दुनिया को आखिरी सलाम पेश कर रुख्सत होते रहे।
2017 में 17 बदमाशों को अपराध की दुनिया के साथ ही ये जहां भी छोड़ने के लिए विवश कर दिया, यह सिलसिला यहीं नहीं रूका, बल्कि पुलिस ने एग्रीसिव पुलिसिंग के सहारे इसे बढ़ाते हुए 2018 में हुई मुठभेड़ों में 22 बदमाशों को यमलोक पहुंचाया तो वहीं साल 2019 में 20 बदमाशों का अंत किया तो 2020 का गणतंत्र दिवस भी नये अंदाज में मनाते हुए कुख्यात लखटकिया बदमाश चांद को अपराध की दुनिया से ओझल कर दिया। इन बीते 30 माह में एडीजी के रूप में पहले ही ऑपरेशन से आईपीएस प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश में चले अपराध उन्मूलन अभियान में अव्वल पायदान पर खड़े नजर आ रहे हैं। आज तक भी उत्तर प्रदेश के दूसरे जोन मेरठ जोन को बदमाशों के खिलाफ चली मुहिम में पछाड़ नहीं पाये। आईपीएस प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में खौफ का व्यापार करने वाले बदमाशों के अंदर खाकी की ऐसी दहशत पैदा हुई कि वह अपराध के रास्तों को छोड़कर थानों में जाकर अपराध न करने की कसमें खाते नजर आने लगे।
एडीजी प्रशांत का प्रहारः 10 लखटकिया बदमाशों का अंत
इन 30 महीनों में पुलिस ने जिन 60 अपराधियों को आमना-सामना होने पर यमलोक पहुंचाया, 10 लखटकिया इनामी बदमाश शामिल रहे। इसके साथ ही इन 30 महीनों में मेरठ जोन की पुलिस ने जौहर खूब दिखाया है। इसके लिए एडीजी प्रशांत कुमार को मोटिवेशन काम करता रहा। मेरठ जोन में मारे गये बदमाशों में यूं तो कई बड़े नाम शामिल रहे, लेकिन एडीजी प्रशांत कुमार की बड़ी उपलब्धियों में लखटकिया बदमाश ऊपर रहे। इनमें सबसे बड़ी उपलब्धि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश यानि तीन राज्यों की पुलिस का सिरदर्द कुख्यात बलराज भाटी रहा। बलराज पर तीन राज्यों से ढाई लाख का ईनाम घोषित था। इसके बाद हाल ही में डेढ़ लाख के इनामिया कुख्यात लुटेरे चांद मौहम्मद का सफाया इनामी बदमाशों के लिहाज से दूसरा नाम था। जबकि उनके कार्यकाल की बड़ी चुनौती की बात करें तो दरोगा का कत्ल कर पुलिस हिरासत से फरार एक लाख के ईनामी बदमाश रोहित सांडू और उसके साथियों का एनकाउंटर सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखी जाती है। एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल बलराज भाटी व चांद सहित 10 बदमाश एक लाख के इनामी थे, जो अपराध की दुनिया में दहशत का पर्याय बने रहे। इसके साथ ही 27 ऐसे बदमाशों का एनकाउंटर कर खात्मा किया गया, जिन पर पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। वहीं 25-25 हजार के घोषित ईनाम वाले 11 बदमाश, 15-15 हजार की ईनामी राशि वाले 04 बदमाश और 12-12 हजार के 3 तथा 5-5 हजार की ईनामी राशि वाले 2 बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर किया गया। एडीजी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में कुल 27.31 लाख रुपये की ईनामी रकम वाले 60 बदमाशों के खात्मे ने सरकार का इकबाल बुलन्द किया और आज भी मेरठ जोन में आईपीएस प्रशांत की पुलिस जौहर दिखाने में कमतर साबित नहीं हो रही।
दो बार - एक दिन-दो जिले और चार बदमाशों का सफाया
आईपीएस प्रशांत की पुलिस ने मेरठ जोन को अपराधियों के लिए कब्रगाह बनाने का काम किया है। उनके कार्यकाल में बदमाशों को बदहवास करने काम तो पुलिस ने पहले ही दिन करना शुरू कर दिया था, लेकिन उनके पद संभालने के 15वें दिन बड़ी मुठभेड़ शामली जनपद में 29 जुलाई 2017 को हुई, इस मुठभेड़ में गांव भूरा कैराना निवासी नौशाद उर्फ डेनी व उसका साथी सरवर ढेर हो गये। एक ही दिन में दो बदमाशों को पुलिस ने यमलोक पहुंचाया। इसके बाद 12 जुलाई 2019 को मेरठ में पल्लवपुरम पुलिस ने एक लाख के ईनामी शकील और 50 हजार के इनामिया बदमाश गुलाम उर्फ भूरा को ढेर किया। इसके चौथे ही दिन आईपीएस प्रशांत की पुलिस ने एनकाउंटर का रिकाॅर्ड ही बना दिया। एक दिन में दो जनपदों में हुई मुठभेड़ में चार कुख्यात बदमाशों को यमलोक पहुंचा दिया गया। इनमें दरोगा का हत्यारा एक लाख का ईनामी रोहित सांडू और उसका साथी 50 हजारी राकेश यादव मुजफ्फरनगर पुलिस तो वहीं अमित उर्फ शेरू और रविन्द्र कालिया मेरठ पुलिस के शिकार बने। इसके बाद 11 सितम्बर को मेरठ की कंकरखेडा थाना पुलिस ने 25-25 हजार के इनामिया बदमाश शहजाद और पंकज को मार गिराया।
जब प्रशांत के पराक्रम को सीएम से मिला शौर्य सम्मान
एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के पराक्रम ने मेरठ जोन को अपराध उन्मूलन के लिए ऐसी उपलब्धि प्रदान की है, जो काफी समय तक यूपी में एग्रीसिव पुलिसिंग के मंच पर नजीर के रूप में पेश की जाती रहेगी। आईपीएस प्रशांत कुमार के अपराधियों के खिलाफ दिखाये गये पराक्रम को हर बार सम्मान मिला। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनको शौर्य सम्मान प्रदान कर चुके हैं। इतना ही नहीं कई बार उनको अलग अलग मंचों और अवसरों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया है। डीजीपी की ओर से भी अनेकों बार उनको प्रशंसा चिन्ह प्रदान किये गये। एडीजी प्रशांत कुमार को जनता के बीच भी मुख्यमंत्री योगी ने सम्मानित करने में गुरेज नहीं किया। 2017 में जब वह नोएडा में आये तो सर्राफा व्यापारियों से हुई लूट का खुलासा होने पर व्यापारी नेताओं ने कानून व्यवस्था में सुधार के लिए मुख्यमंत्री योगी को चांदी की गदा भेंट की थी, वहीं पर सीएम योगी ने इस गदा को एडीजी प्रशांत कुमार को भेंट करते हुए उनको सम्मानित किया।