आईपीएस सुधीर कुमार का अचूक वार, 12 घंटे में अपहृत इंजीनियर बेटी सहित बरामद
एसएसपी सुधीर कुमार की इस कामयाबी से यूपी पुलिस आज जश्न मना रही है। खुद डीजीपी ओपी सिंह ने आगे आकर गाजियाबाद पुलिस कप्तान की प्रशंसा करने के साथ ही पुरस्कृत करने का ऐलान किया है।
गाजियाबाद। अपनी अचूक और सतर्क कार्यप्रणाली के कारण ब्यूरोक्रेसी में सुपर काॅप की पहचान बनाने वाले आईपीएस सुधीर कुमार सिंह की उपलब्धि ने यूपी पुलिस का मान और बढ़ा दिया है। उन्होंने जिले से एक इंजीनियर और उसकी बेटी के अपहरण जैसी सनसनीखेज घटना को ना केवल गोपनीय रखा, बल्कि अपहरण के मात्र 12 घंटे के भीतर ही अपहृत इंजीनियर और उसकी बेटी को सुरक्षित बरामद करते हुए अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया है।
एसएसपी सुधीर कुमार की इस कामयाबी से यूपी पुलिस आज जश्न मना रही है। खुद डीजीपी ओपी सिंह ने आगे आकर गाजियाबाद पुलिस कप्तान की प्रशंसा करने के साथ ही पुरस्कृत करने का ऐलान किया है।
एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह के साथ ही इंस्पेक्टर दीपक कुमार को भी डीजीपी कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित किया जायेगा। वहीं एसएसपी सुधीर कुमार सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर इंजीनियर का परिवार भी कृतज्ञता प्रकट कर रहा है। उनके इस साहसिक कार्य ने जनता के बीच पुलिस के प्रति एक विश्वास कायम करने का काम किया है।
#GhaziabadPolice rescued an engineer and his daughter safely from kidnapper within 12 hours, both were kidnapped from Indirapuram area today in early morning and a ransom was demanded of Rs 1 crore 30 Lakh. Kidnapper has been arrested. @UPGovt@dgpup @Uppolice @republic @ZeeNews pic.twitter.com/HaQvCz7KfC
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) September 1, 2019
अमरोहा और मुजफ्फरनगर जैसे जनपदों में उत्कृष्ट रिकार्ड के साथ अपराधियों ओर शातिर बदमाशों के साथ 20-20 मैच खेलने वाले आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद जिले की कमान देकर भेजा तो उनके तबादले के पीछे शासन को उनकी कार्यप्रणाली के प्रति एक विश्वास भी था। इस विश्वास को एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार ने अपने अल्प कार्यकाल में ही पूरी तरह से कायम रखने का काम किया है। वैसे तो गाजियाबाद पुलिस ने एसएसपी सुधीर कुमार के निर्देशन में कई उपलब्धियां हासिल की, लेकिन आज अपहरण के एक केस ने एसएसपी सुधीर कुमार की सूझबूझ को साबित करने का काम किया है। यह ऐसा केस था जिसमें दो जान दांव पर लगी हुई थी, इसमें पुलिस के सामने अनेक चुनौतियां थी, अपहृत के परिवारजनों को पुलिस के प्रति विश्वास में रखना, इस घटना को गोपनीय बनाये रखना और जल्द से जल्द बदमाशों तक पहुंचना, क्योंकि अपहरण जैसे मामलों में पुलिस की एक भी चूक डाउन फाॅल्स का कारण बन सकती है। लेकिन एसएसपी सुधीर कुमार के निर्देशन में पुलिस ने ऐसी कोई भी गलती नहीं की।
पुलिस को सूचना मिली थी कि गाजियाबाद जनपद के थाना इंदिरापुरम क्षेत्र के वसुंधरा में बीकाॅम के छात्र ने सिविल इंजीनियर कुनाल और उनकी बेटी का अपहरण कर लिया। इसके बाद दोनों को वसुंधरा में ही किराये के मकान में रख कर उनके ही फोन से कुनाल की पत्नी से 50 और मुंबई व रांची में रहने वाली बुआ को फोन कर 30 और 50 लाख की फिरौती मांगी गयी। पुलिस ने दोनों को सकुशल बरामद कर आरोपी को पकड़ लिया है। पकड़ा गया आरोपी अपहृत किशोरी का दोस्त बताया जा रहा है। आरोपित ने इंजीनियर कुनाल की बेटी को अपने पिता के साथ उसके घर में पूजा होने की बात कहकर बुलाया था। अपहरण के बाद इंजीनियर व उसकी बेटी को जिंदा रखने के लिए 5 लाख तत्काल देने की बात परिजनों से कही थी। यही पैसे लेने के दौरान पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस ने 5 लाख रूपये, एक पिस्टल और मोबाइल बरामद किया है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि अपहरण की सूचना मिलने के महज 12 घंटे में ही पुलिस ने इंजीनियर और उनकी बेटी को सकुशल बरामद कर लिया। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के अनुसार, यह केस उनके सामने बड़ी चुनौती के रूप में था, दो जान दांव पर थी, आरोपितों ने इंजीनियर के परिजनों को धमकी देते हुए कहा था कि अगर पुलिस को सूचना दी जो दोनों की जान जाएगी। यही कारण है कि इस पूरे ऑपरेशन और घटना को सूचना मिलने के साथ ही गोपनीय बनाये रखा गया था, पुलिस बेहद गोपनीय ढंग से अपहृतों के परिजनों से मिल रही थी। सभी पर नजर थी और ईश्वर की कृपा से हम इस केस को समय रहते खोलने में कामयाब रहे।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह की इस उपलब्धि को यूपी पुलिस ने भी सराहा है। प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने एसएसपी सुधीर कुमार और इंदिरापुरम कोतवाल इंस्पेक्टर दीपक शर्मा के कार्य की सराहना की। गाजियाबाद पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही सिविल इंजीनियर कुणाल दत्ता और उसकी बेटी को बरामद कर एक आरोपी को पकड़कर घटना खोली है, उसने पुलिस के मनोबल को बढ़ाया है। इस परिवार से 80 लाख की फिरौती मांगी गयी थी। खुद डीजीपी ने एसएसपी सुधीर कुमार की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि यह घटना गोपनीय न रखी जाती तो बाप बेटी की हत्या हो सकती थी।
इस घटना में एसएसपी सुधीर कुमार ने गोपनीय तरीके से सर्विलांस के माध्यम से बदमाशों पर निगाह रखी। वह खुद इस पूरे केस की माॅरिटरिंग कर रहे थे। इस खुलासे पर डीजीपी ओपी सिंह ने गाजियाबाद पुलिस को बधाई दी और कमेंडेशन डिस्क पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है।